डिजीटल डेस्क : Hathras Stampede Investigation – हाथरस हादसा स्थल पहुंची न्यायिक जांच आयोग की टीम, मुख्य आरोपी मधुकर समेत दो को भेजा गया जेल। उत्तर प्रदेश में गत 2 जुलाई को हुई हाथरस हादसे के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर गठित न्यायिक जांच आयोग की टीम शनिवार दोपहर 12 बजे हाथरस पहुंच गई। यह टीम रविवार तक हाथरस में रहकर जरूरी इनपुट् जुटाएगी। इस टीम में इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव, पूर्व आईएएस हेमंत राव और पूर्व आईपीएस भवेश कुमार सिंह शामिल हैं। आयोग की टीम ने फुलरई मुगलगढ़ी में घटना स्थल के अलावा सिकंदराराऊ ट्रामा सेंटर का भी दौरा किया एवं जरूरी तथ्यों की जानकारी जुटाई। इस बीच हाथरस पुलिस के हत्थे चढ़े हादसे के मुख्य आरोपी मधुकर समेत दो को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
हादसे वाली जगह पर 40 मिनटों तक ब्योरा जुटाती रही न्यायिक आयोग की टीम
इससे पहले शनिवार को हाथरस पुलिस लाइन पहुंचते ही न्यायिक जांच आयोग की टीम ने पुलिस-प्रशासनिक व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में हाथरस डीएम, एसपी, सीएमओ, एडीएम, एसडीएम, एडीजी, एलआईयू आदि से जुड़े अधिकारीगण मौजूद रहे। उसके बाद आयोग की टीम अपराह्न 3.40 बजे के घटना स्थल फुलरई मुगलगढ़ी पहुंचे। पूरे घटना स्थल का निरीक्षण किया। सत्संग कार्यक्रम स्थल के सामने सड़क पार के खेत और उससे पहले गहराई को देखा। घटना स्थल पर 40 मिनट रहने के बाद टीम सिकंदराराऊ के ट्रामा सेंटर पहुंची जहां वह 10 मिनट रूकी। उसके बाद टीम हाथरस वापस लौट गई। 7 जुलाई को सुबह 9 बजे से दोपहर एक बजे तक इस टीम के सदस्य हादसे से संबंधित जन सामान्य से मुलाकात करने की तैयारी में हैं।
न्यायिक आयोग की टीम ने तत्काल किसी टिप्पणी से किया इंकार
हाथरस हादसे की जांच को पहुंची न्यायिक आयोग की टीम के रिटायर्ड न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पूरा स्पॉट देखा गया कि लोग किधर से आए, किधर से गए और हादसे के समय कितनी भीड़ रही होगी। लेकिन इस संबंधी मिले प्राथमिक जानकारियों व इनपुट्स के आधार पर अभी कोई निष्कर्ष नहीं निकाल पाएंगे। वह तो दो महीने में जो फाइंडिंग आएगी, उसके आधार पर अपनी रिपोर्ट में लिखा जाएगा। फिलहाल जांच के क्रम में जिस-जिस को बुलाने की जरूरत होगी, उसे बुलाया जाएगा। शनिवार शाम छह बजे से आठ बजे के मध्य अपर पुलिस महानिदेशक आगरा जोन, मंडलायुक्त अलीगढ़ , पुलिस महानिरीक्षक अलीगढ़ सहित अन्य अफसरों से न्यायिक जांच आयोग की टीम मिल रही है। उस मुलाकात में टीम के सदस्यों की ओर से हादसे से संबंधित पुलिस-प्रशासनिक स्तर पर उपलब्ध अभिलेखों का अवलोकन करके जरूरी जानकारियां जुटाई जानी है।
न्यायिक टीम ने दिया संकेत – पूछताछ के लिए भोले बाबा को भी बुलाएगी
हाथरस हादसे की जांच को पहुंची न्यायिक जांच आयोग की टीम हादसे से जुड़े हर बिंदु का ब्योरा जुटाने पर फोकस कर रही है। इसी क्रम में वह सभी संबंधित पक्षों से संपर्क साधते हुए हर छोटे और बड़े ब्योरे जानना चाह रही है ताकि इस संवेदनशील मामले की जांच रिपोर्ट को मुक्कमल तौर पर शासन को दाखिल किया जा सके और उसमें कोई निर्दोष ना फंसे व कोई भी गुनाहगार कानूनी पेचीदगियों का लाभ उठाते हुए ना छूट सके। इसी क्रम में शनिवार को मीडिया ने जब आयोग की टीम के अध्यक्ष से बाबा के बारे पूछा कि क्या बाबा को भी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा, तो जस्टिस श्रीवास्तव ने कहा कि अभी हमें नहीं पता क्या साक्ष्य आएंगे लेकिन इतना तय मानिए कि जिससे भी जरूरत होगी उससे जांच में मदद ली जाएगी। छोटे से लेकर बड़े अधिकारी और अन्य जिससे भी जरूरत होगी उससे पूछताछ करेंगे। इस क्रम में भोले बाबा से संभावित पूछताछ से उन्होंने इंकार नहीं किया।

मुख्य आरोपी मधुकर समेत दो को 14 दिन की जेल, तीसरा कल होगा पेश
हाथरस हादसे में इनामी मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर और गिरफ्तार आरोपी संजू यादव को कोर्ट ने शनिवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। तीसरे गिरफ्तार आरोपी को कल कोर्ट पेशी होने की जानकारी साझा की गई है। बताया गया कि तीसरे आरोपी को पुलिस ने डिटेन किया था, उसे कस्टडी में लेकर अरेस्ट नहीं किया गया था। पहले दो गिरफ्तार आरोपियों से हुई पूछताछ के बाद मिली जानकारियों के आधार पर तीसरे की मिली संलिप्तता को खुद तीसरे आरोपी द्वारा स्वीकारे जाने पर बाद में पुलिस ने हिरासत में लिया है। इससे पहले हाथरस हादसे में गिरफ्तार मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर और अन्य आरोपी संजू यादव का जिला अस्पताल में चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जय हिंद कुमार सिंह के न्यायालय में देव प्रकाश मधुकर व संजू यादव को पेश किया गया। तीसरे आरोपी राम प्रकाश शाक्य को 7 जुलाई को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
आरोपियों के मेडिकल परीक्षण के दौरान छावनी में तब्दील हुआ हाथरस जिला अस्पताल
हाथरस हादसे में शुक्रवार रात दिल्ली से गिरफ्तार मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर पुलिस मेडिकल परीक्षण के लिए शनिवार दोपहर बागला जिला अस्पताल की इमरजेंसी में लेकर पहुंची। इस दौरान जिला अस्पताल में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। इससे पहले 2 बजे पुलिस मधुकर को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंची थी, लेकिन मीडिया का भारी जमावड़ा होने के चलते कागजी कार्रवाई पूरा करने के बाद पुलिस उसे अपने साथ ले गई। दोबारा 15 मिनट बाद पुलिस मुख्य आरोपी मधुकर को मेडिकल परीक्षण के लिए बागला जिला अस्पताल लेकर पहुंची। चिकित्सकीय परीक्षण के बाद देव प्रकाश मधुकर को कोर्ट भेज दिया गया। साथ में आरोपी संजू यादव को भी कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में पुलिस ने बताया कि हादसे के बाद देव प्रकाश मधुकर परिवार सहित गायब हो गया था। उस पर 25 हजार से बढ़ाते हुए एक लाख का इनाम रख दिया गया था। दूसरी ओर आरोपी के वकील का दावा था कि उसने आत्मसमर्पण किया है। कोर्ट ने दोनों पक्षों का बयान लेने के बाद दोनों आरोपियों को पुलिस रिमांड में न भेजकर न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का निर्देश दिया।
जेल गया मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर ही है भोले बाबा का राइट हैंड
न्यायिक हिरासत में कोर्ट के निर्देश पर जेल भेजा गया उत्तर प्रदेश के हाथरस में 2 जुलाई के दिन सत्संग के दौरान मची भगदड़ के मामले का मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर के बारे में पुलिस ने अहम जानकारी दी है। पुलिस के मुताबिक, मधुकर ही भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि का राइट हैंड है। पुलिस ने शुरुआती पूछताछ में पता लगाया है कि देव प्रकाश मधुकर ही भोले बाबा के कार्यक्रमों को आयोजित करवाता था और उन कार्यक्रमों के लिए फंड्स भी इकट्ठा करता था। पूछताछ में पता चला है कि देव प्रकाश मधुकर बाबा का सबसे करीबी सेवादार है और वह उनके लिए कार्यक्रम आयोजिन तो करता ही है, साथ ही कार्यक्रम के लिए फंड रेजर का काम भी करता है। पुलिस फिलहाल देव प्रकाश मधुकर को गिरफ्तार करने के बाद उसके बैकग्राउंड को चेक करने में जुटी है। प्रमुख सेवादार होने की वजह से मधुकर के हाथ में पैसों का लेन-देन भी हुआ करता था, इसलिए उसके मनी ट्रेल की जांच भी जा रही है। साथ ही मधुकर के चल-अचल संपत्ति की भी जांच की जा रही है। पुलिस फिलहाल मधुकर की कॉल डिटेल भी खंगाल रही है।
हुआ खुलासा – मधुकर ही कार्यक्रमस्थल पर पुलिस को जाने से रोकता था
हाथरस एसपी निपुण अग्रवाल ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि देव प्रकाश मधुकर 2008 से जूनियर इंजीनियर के पद पर काम कर रहा है। यही वो शख्स है जो कि कार्यक्रम स्थल पर पुलिसकर्मियों को आने से रोकता था। इसका साथ कई और सेवादार भी देते थे। कार्यक्रम के दौरान सभी व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी यही लोग अपने हाथ में लिए रहते थे। पुलिस ने बताया कि सत्संग के लिए जो अनुमति ली गई थी उसमें कई बातों का उल्लंघन आयोजकों ने किया है। एसपी निपुण अग्रवाल ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान जब भगदड़ मची उस वक्त भीड़ को संभालने के लिए कोई भी सेवादार आगे नहीं आया और भीड़ को रोकने की कोशिश नहीं की गई। भगदड़ के बाद सभी सेवादार फरार हो गए। सत्संग के दौरान अव्यवस्था फैलने की वजह से इतना बड़ा हादसा हुआ। जब सत्संग खत्म हुआ उसके बाद जानबूझकर भोले बाबा की गाड़ी भीड़ के बीच से निकाली गई। सेवादारों को पता था कि भीड़ ज्यादा है और ऐसा करना ठीक नहीं होगा एवं उसके बावजूद इन लोगों ने ध्यान नहीं दिया।