Ranchi-झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में उत्तराखंड में सरकार गिराने की साजिश और ब्लैकमेल करने के मामले में आरोपी उमेश शर्मा की याचिका पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम इस मामले से हटाने का निर्देश दिया. रावत की ओर से अधिवक्ता पांडेय नीरज राय ने अदालत को बताया कि इस मामले में उन्हें कोई नोटिस जारी हुआ था. इस मामले में वह ना ही आरोपित हैं और ना ही उनका इससे कोई लेना-देना है. इसलिए इस मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह को नोटिस जारी करना उचित नहीं है. इसके बाद अदालत ने त्रिवेंद्र सिंह का नाम याचिका से हटाने का आदेश दिया.
त्रिवेंद्र सिंह की सरकार गिराने के लिए धमकी देने का आरोप
बता दें कि अमृतेश सिंह चौहान ने वर्ष 2018 में उमेश शर्मा के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी. जिसके बाद झारखंड पुलिस ने उमेश शर्मा को देहरादून से गिरफ्तार कर लिया था. दर्ज प्राथमिकी में उमेश शर्मा पर यह आरोप है कि उसने खुद को एक निजी न्यूज चैनल का मालिक बतलाते हुए अमृतेश कुमार चौहान को फोन किया था, और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार गिराने के लिए गुप्त जानकारियां इकठ्ठा करने को कहा था. ऐसा नहीं करने पर ईडी के द्वारा झुठे मुकदमे में फंसाने की धमकी गयी थी. साथ ही अमृतेश को दिल्ली या देहरादून आकर मुलाकात करने को कहा गया था. झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले में सूचक और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को नोटिस जारी किया था.
रिपोर्ट- प्रोजेश
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