रोहतास- पोल खोल कार्यक्रम के तहत जदयू की ओर से सासाराम में एक दिवसीय महाधरना का आयोजन किया गया.
जदयू के कार्यकर्ताओं ने भाजपा और मोदी सरकार पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा के द्वारा जातीय जनगणना नहीं करवाने का निर्णय के कारण दलित पिछड़ों और दूसरे वंचित समूहों की हकमारी हो रही है, अतिपिछड़ों का आरक्षण रद्द किया जाना भी इसी का एक हिस्सा है, यदि भाजपा के द्वारा जातीय जनगणना करवा लिया जाता तब यह स्थिति सामने आती ही नहीं, आरक्षण पर देश के किसी ना किसी हिस्से में कोई ना कोई विवाद होता रहता है, इसका मात्र एक उपचार है कि पूरे देश में एक साथ जातीय जनगणना करवा ली जाय.
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पोल खोल कार्यक्रम में जदयू कार्यकर्ताओं का हुंकार
जदयू कार्यकर्ताओं ने कहा कि बिहार में सरकार ने अपने खर्चे पर जातीय जनगणना करवाने का निर्णय लिया है, लेकिन केन्द्र की भाजपा सरकार जातीय जनगणना करवाने से इंकार कर रही है. और इसी से भाजपा का दलित पिछड़ा विरोधी चेहरा उजागर होती है. उसकी सच्चाई सामने आ जाती है, भाजपा में यदि इमानदारी है, दलित पिछड़ों के हमदर्दी है, यदि वह वास्तव में आरक्षण समर्थक है तो पूरे देश में जातीय जनगणना करवाने का निर्णय लें.
आरक्षण विवाद पर जातीय जनगणना एक मात्र उपचार
इस अवसर पर पूर्व शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने कहा कि
इस धरने का आयोजन आरक्षण विरोधी भाजपा का पोल खोलने के लिए किया गया है.
जदयू नेत्री मालती कुशवाहा ने कहा कि भाजपा को राज्य की जनता सबक सिखायेगी,
जबकि जिला अध्यक्ष अजय कुशवाहा ने कहा कि आरक्षण विरोधी भाजपा की कोशिश
लोगों को गुमराह करने की है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में जातीय जनगणना का काम शुरु कर दिया है,
जबकि यह कार्य राष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए था.