डिजिटल डेस्क। ब्रांडेड के नाम पर नकली देसी घी के अंतरराज्यीय सप्लाई का आगरा में खुलासा, 5 गिरफ्तार। यूपी में ताज नगरी के रूप में मशहूर आगरा में पुलिस ने बड़े पैमाने पर ब्रांडेड शुद्ध देसी के नाम पर नकली घी के सप्लाई के अंतरराज्यीय रैकेट का खुलासा करते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार किया है।
देश के 7 राज्यों के 19 जिलों में आगरा में बनी नकली ब्रांडेड की सप्लाई का खुलासा यूपी पुलिस और एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) ने किया है। पुलिस और एसओजी की टीम ने छापा मारकर अमूल, मधुसूदन, पतंजलि सहित 18 मशहूर ब्रांडों के नाम की पैकिंग में नकली देसी घी जब्त किया है। इसमें रिफाइंड व अन्य केमिकल की मिलावट की जा रही थी।
गिरफ्तार फैक्टरी मैनेजर ने उगली घी की चौंकाने वाली सच्चाई…
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आगरा के शमसाबाद मार्ग से सटे मारुति सिटी रोड पर पकड़ी गई फैक्टरी से नकली घी की सप्लाई 7 राज्यों के 19 जिलों में हो रही थी। प्रतिदिन 50 किलोग्राम से एक कुंतल तक घी तैयार किया जाता था। नकली घी बनाने में एक्सायर्ड घी का प्रयोग भी किया जाता था।
गिरफ्तार फैक्टरी मैनेजर से पूछताछ में उसके व्हाट्स से भी सप्लायरों के बारे में पता चला है। पुलिस अब सप्लायरों के साथ मालिक की तलाश में लगी है। फैक्टरी में अमूल, पंतजलि, कृष्णा सहित करीब 18 ब्रांड के नाम से देसी घी बनाया जा रहा था। नकली और अपमिश्रित घी को ब्रांडेड कंपनियों की पैकिंग में पैक करके बाजार में बेचा जाता था। पुलिस ने करोड़ों का माल जब्त किया है।
ब्रांडेड के नाम पर नकली देसी घी सप्लाई में गिरफ्तार पांचों आरोपी भेजे गए जेल…
यूपी पुलिस ने पूरे मामले की जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस मामले में धोखाधड़ी और भारतीय खाद्य मानक सुरक्षा अधिनियम की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही गिरफ्तार मैनेजर राजेश भारद्वाज, टेक्नीशियन शिव चरण, भास्कर गौतम, रवि मांझी (ग्वालियर) और धर्मेंद्र सिंह (सागर) को जेल भेजा गाया है।
राजेश ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि फैक्टरी के मालिक मैना वाली गली, पुराना हाईकोर्ट, ग्वालियर निवासी पंकज अग्रवाल, नीरज अग्रवाल व बृजेश अग्रवाल हैं। पुलिस ने तीनों मालिकों को भी मुकदमे में आरोपी बनाया है। वे सभी अभी फरार हैं। उनकी तलाश में भी टीमें निकल चुकी हैं।
ब्रांडेड के नाम पर नकली देसी बनाने वालों ने अपनी कंपनी का भी करा रखा है पंजीकरण…
ब्रांडेड के नाम पर नकली देसी के अंतरराज्यीय रैकेट का खुलासा करते हुए यूपी पुलिस ने आगे बताया कि इस नकली घी कारोबार के फरार संचालक मध्य प्रदेश के ग्वालियर निवासी पंकज अग्रवाल, नीरज अग्रवाल व बृजेश अग्रवाल का मध्य प्रदेश में घी का बड़ा कारोबार है। इन्होंने रियल गोल्ड नाम से देसी घी का पंजीकरण करा रखा है।
अपने प्रोडक्ट की आड़ में दूसरी कंपनियों के नाम से नकली घी बाजार में बेच रहे थे। मार्केट में माल कहां-कहां जाएगा यह मालिक ही मैनेजर को बताते थे।
यह भी पता चला कि नकली घी यूपी के मेरठ, प्रयागराज, बहराइच, गोंडा, वाराणसी, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, सीतापुर, फैजाबाद, गोरखपुर, राजस्थान के उदयपुर, जयपुर, गुवाहाटी, जम्मू कश्मीर, पंजाब के अमृतसर, हरयाणा के सिरसा और बिहार के पूर्णियां में सप्लाई होता था। अब इन जिलों में घी लेकर जाने वालों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
पाम आयल से नकली देसी घी बनाने के कारोबार में मैनेजर भी अचानक हो गया था मालामाल…
पूरे मामले में यूपी पुलिस ने कई रोचक खुलासे किए हैं।पुलिस की जांच में सामने आया कि बाजार में जो आयल के डिब्बे एक्सपायर हो जाते हैं, फैक्टरी वाले उन्हें सस्ते में खरीदते थे। इसके बाद नकली घी में मिलाते थे। इससे यह जहां लोगों को आर्थिक नुकसान पहुंचा रहा था, वहीं शरीर के लिए हानिकारक था।
पैकिंग करते समय नकली घी के साथ ऊपर की तरफ असली घी की लेयर बनाते थे, जिससे लोग पैकेट खोलें तो उन्हें असली जैसे ही लगें। नकली घी के अवैध कारोबार में गिरफ्तार मैनेजर राजेश भारद्वाज अच्छा मुनाफा कमा रहा था। यही वजह थी कि पुलिस के पकड़ने पर वह खुद को मैनेजर बताने लगा। सख्ती से पूछने पर मुंह खोला था। उसका घर मारुति सिटी कालोनी में है।
कोरोना कॉल में उसने कालोनी छोड़ दी थी। इसकी वजह सोसाइटी के हिसाब-किताब में गड़बड़ी रही थी। कुछ माह पहले वह वापस कालोनी में आया। आते ही मकान का नक्शा बदल दिया। लाखों रुपये मकान में लगा दिए। स्कूटर पर चलता था। अब उसके पास गाड़ी भी है।
लोग समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर उसके पास ऐसा क्या आया। लोगों को जब तक पता चला, तब तक पुलिस ने नकली फैक्टरी चलाने के आरोप में पकड़ लिया। आगरा के डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि फैक्टरी मालिकों की तलाश की जा रही है।