रांची: झारखंड विधानसभा में विधायक जयराम महतो ने किसानों को धान खरीद का भुगतान देर से होने के मुद्दे को उठाया। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या किसानों को उनकी फसल का भुगतान किस्तों में किया जाता है और यदि भुगतान में देरी होती है, तो क्या सरकार ब्याज सहित राशि का भुगतान करेगी।
इस सवाल पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि किसानों को समर्थन मूल्य का भुगतान दो चरणों में किया जाता है। पहले चरण में 50% राशि ऑन द स्पॉट दी जाती है और शेष 50% राशि तब दी जाती है जब धान मिल में जाकर चावल के रूप में तैयार होता है। उन्होंने कहा कि सरकार यह प्रक्रिया किसानों के हित में ही कर रही है ताकि बिचौलियों का हस्तक्षेप रोका जा सके और किसानों को सही लाभ मिल सके।
हालांकि, विधायक जयराम महतो ने इस व्यवस्था पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जब माननीय विधायकों और मंत्रियों का वेतन एकमुश्त दिया जाता है, तो किसानों को भी उनके धान की पूरी राशि एक साथ मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों की आर्थिक स्थिति उनके फसल के मूल्य पर निर्भर करती है, ऐसे में भुगतान में देरी उनके लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार के पास राइस मिलों की सीमित क्षमता होने के कारण धान के उठाव और चावल बनने की प्रक्रिया में समय लगता है। उन्होंने बताया कि यह एक सतत प्रक्रिया है और इसमें किसी-किसी जिले में अधिक समय भी लग सकता है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए राज्य में अधिक राइस मिल स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि धान का उठाव और मिलिंग की प्रक्रिया तेज हो सके और किसानों को समय पर भुगतान मिल सके।
उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है और भविष्य में किसानों को भुगतान में किसी प्रकार की देरी न हो, इसके लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।