झारखंड देश का पहला राज्य है जहां के आदिवासी बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं-Hemant Soren

Hemant Soren

Ranchi : धुर्वा में PGT अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कहा कि इस राज्य को मूल रूप से मजदूर प्रदेश के रूप में जाना जाता था लेकिन हमारे भाइयों की वजह से शिक्षण संस्थान बनी और लोगों ने शिक्षा ग्रहण की कुछ लोगों ने नौकरियां पाई कुछ अच्छे पद गए। इसलिए हमने सरकार बनने के बाद शिक्षा के दिशा में काफी चिंतन और मनन कर आगे बढ़ाने का प्रयास किया।

ये भी पढ़ें- Hemant Soren का तंज, जिस देश का राजा व्यापारी होगा उस देश की प्रजा हमेशा भिखारी होगी… 

आपने देखा कि हम लोगों ने पहले चरण में स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस बनाकर दिया ताकि हमारे राज्य के बच्चे भी पढ़े। आगे इसमें और भी कुछ जोड़ने की जरूरत है। राज्य में शिक्षा को और भी आगे बढ़ाने के लिए हमने हमने स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस बनाया और आने वाले पीढ़ियों के लिए एक्सीलेंट टीचर दे रहे है।

Hemant Soren : आने वाले दिनों में और भी शिक्षकों की नियुक्ति होगी

आने वाले दिनों में राज्य में और भी स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनेगा और भी शिक्षकों की नियुक्ति होगी। शायद नीति निर्धारण पूर्ण में ऐसा हुआ कि बिल्डिंग बना दो शिक्षा खुद ब खुद आ जाएगी लेकिन ऐसा होता है क्या? कई छात्रावास को आपने देखा चाहे वह लड़कों का हो या फिर लड़कियों का हो… बहुत खूबसूरत और सभी व्यवस्था है लेकिन उसमें सबसे बड़ी खामियां थी कि बच्चों को अच्छे खाने नहीं मिलते थे।

ये भी पढ़ें- Jharkahnd Politics : झारखंड के आदिवासी अपनी जमीन और पहचान खो रहे हैं-हेमंता बिश्वा सरमा 

लेकिन जेल जाने से पहले मैंने कहा था कि छात्रावास रिपेयर की स्थिति में थी तो मैंने कहा था कि जब यह पूरा होगा तो गांव देहात की बच्चों को चावल लाने का जरूरत नहीं है सरकार सारी व्यवस्था करेगी, कई योजना सरकार ने बनाई है ताकि यहां के लोगों को फायदा मिल सके।

Hemant Soren : राज्य के बच्चों को मिल रहा है 100% स्कॉलरशिप

झारखंड देश का पहला राज्य है जहां यह राज्य अपनी ताकत के बदौलत और सरकार के सौजन्य से हमारे राज्य के आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक के बच्चे 100% स्कॉलरशिप से विदेश में पढ़ रहे हैं। हमारी सरकार ने राज्य में गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना शुरु किया। आज यदि कोई भी छात्र गुरुजी क्रेडिट कार्ड लेकर बैंक में जाओगे तो हाथो हाथ पैसे मिल जाएंगे, शिक्षक और बच्चों के बीच में संवाद ऐसी होनी चाहिए कि शिक्षा की बात बच्चे समझ जाए और बच्चों की बात शिक्षक समझ जाएंगे।

 

Share with family and friends: