रांची: झारखंड में नगर निकाय चुनाव की राह एक बार फिर लंबी हो गई है। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा नगर निकायों में पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने हेतु कराए गए डोर-टू-डोर सर्वेक्षण के आंकड़ों के विश्लेषण का कार्य दो माह और टल गया है। आयोग ने रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक बार फिर से निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस देरी के चलते अब निकाय चुनावों में और समय लगना तय है।
दरअसल, पिछड़ा वर्ग आयोग ने इस बार आईआईएम रांची, एक्सएलआरआई जमशेदपुर, एक्सआईएसएस रांची, संत जेवियर कॉलेज रांची सहित राज्य के अन्य शोध संस्थानों और विश्वविद्यालयों से “इच्छा की अभिव्यक्ति” (Expression of Interest) मांगी है। इच्छुक संस्थानों को 1 जुलाई 2025 तक टेंडर जमा करना होगा। आयोग के मुताबिक, सर्वेक्षण का विश्लेषण कर समग्र रिपोर्ट 45 दिनों के भीतर हिंदी में तैयार करनी होगी, जिसकी प्रक्रिया तकनीकी और वित्तीय दोनों मानकों पर आधारित होगी।
पिछले टेंडर में सिर्फ एक योग्य संस्था
इससे पहले जारी टेंडर में तीन संस्थानों ने भाग लिया था, लेकिन केवल एक ही संस्था ने इस तरह के कार्य का अनुभव प्रमाण पत्र सौंपा था। अन्य दो संस्थानों के प्रमाण पत्र बाद में जमा किए गए, लेकिन उन्हें आयोग ने खारिज कर दिया। केवल एक पात्र संस्थान होने के कारण वित्तीय बोली (Financial Bid) खोली नहीं जा सकी और प्रक्रिया दोबारा शुरू करनी पड़ी।
चुनाव प्रक्रिया अब भी अधर में
गौरतलब है कि राज्य के सभी नगर निकायों का कार्यकाल अप्रैल 2023 में ही समाप्त हो चुका है। हाईकोर्ट के निर्देशानुसार राज्य सरकार को 16 मई 2025 तक चुनाव करा लेना था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। सुनवाई के दौरान अदालत ने चुनाव में हो रही देरी पर नाराजगी भी जताई थी। यह याचिका रौशनी खलखो व अन्य की ओर से दायर की गई थी।
आयोग में अध्यक्ष का अभाव
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में वर्तमान में अध्यक्ष नहीं हैं। आयोग का कार्य सिर्फ सदस्य और सदस्य सचिव के भरोसे चल रहा है, जबकि कई निर्णय और रिपोर्ट राज्य सरकार को केवल अध्यक्ष के माध्यम से ही भेजी जा सकती हैं। यही कारण है कि ‘ट्रिपल टेस्ट’ प्रक्रिया की अंतिम रिपोर्ट भी लंबित है।
राज्य सरकार का कहना है कि पिछड़े वर्गों को नगर निकायों में आरक्षण देना है और इसके लिए सभी जिलों में सर्वेक्षण पूरा किया जा चुका है। लेकिन सर्वे का विश्लेषण और रिपोर्ट तैयार करने में हो रही देरी चुनावी प्रक्रिया को लगातार प्रभावित कर रही है।
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