रांची. विधानसभा चुनाव में ग्रामिण क्षेत्र में वोटिंग टाइम को लेकर जेएमएम ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है और ग्रामीण क्षेत्र में मतदान के समय को बढ़ाने की मांग की है। यह पत्र जेएमएम के महासचिव विनोद पांडेय के नाम से चुनाव आयोग को लिखा गया है।
जेएमएम ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र
जेएमएम द्वारा चुनाव आयोग को लिखे गये पत्र में कहा गया है कि कोडरमा, बरकट्ठा, बरही, मंझगांव, सिसई और भवनाथपुर को छोड़कर शेष सभी 75 विधानसभा क्षेत्रों में शहरी मतदान केन्द्रों पर मतदान का समय सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक तथा ग्रामीण क्षेत्रों के मतदान केन्द्रों में सुबह 7 बजे से 4 बजे तक रखा गया है। इस तरह ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाताओं को मतदान का समय कम दिया गया है, जो चुनाव आयोग द्वारा सबको समान अवसर प्रदान किये जाने के सिद्धांत के प्रतिकूल है।
पत्र में आगे लिखा गया है कि पूर्व में राज्य के नक्सल प्रभावित होने के कारण 5-5 चरणों में चुनाव होते थे, लेकिन अब झारखंड को नक्सल मुक्त मानते हुए 2 चरणों में चुनाव हो रहे हैं। एक ही विधानसभा क्षेत्र में शहरी/ कस्बों के मतदाताओं को 7 बजे से 5 बजे तक मतदान का समय तथा ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाताओं को 7 बजे से 4 बजे तक का समय देना ग्रामीण मतदाताओं को मताधिकार के समान अवसर से वंचित करना होगा। विदित हो कि शहरी क्षेत्र में छोटी परिधि में ज्यादा लोग वास करते हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में आवास बिखरे होते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में एक बूथ का निर्माण औसतन 7-8 टोलों/बस्तियों को मिलाकर होता है। ग्रामीण क्षेत्र में आवागमन के समुचित साधन भी उपलब्ध नहीं है। इन परिस्थितियों में ग्रामीण क्षेत्र में मतदान का ज्यादा समय उपलब्ध करवाने के विपरित कम समय उपलब्ध करवाना अनुचित प्रतीत होता है।
पत्र में आगे लिखा गया है कि चुनाव में शहरी/ कस्बा तथा ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं को समान अवसर नहीं मिलने से ग्रामीण क्षेत्रों में मत का प्रतिशत गिरेगा। झारखंड मुक्ति मोर्चा गांव/गरीब का प्रतिनिधत्व करता है। ग्रामीण क्षेत्रों में बसने वाले मतदाताओं पर इस कदम का प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा तथा ग्रामीण क्षेत्रों के मतदान का प्रतिशत कम हो जाएगा। इससे निश्चित रूप से जिस पार्टी के समर्थक ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं, उसको नुकसान उठाना पड़ेगा।
अंत में पत्र में लिखा गया है, चुनाव आयोग हमेशा से सबको समान अवसर देने की प्रतिबद्धता को दुहराता है तथा मतदान प्रतिशत बढ़ाने का भी हर संभव प्रयास करता है। परन्तु उक्त निर्णय से मतदाताओं को न तो समान अवसर ही मिलेगा न ही इस कदम से मतदान का प्रतिशत बढ़ेगा। अतः मेरी पार्टी आपसे अनुरोध करती है कि मतदान के समय के अन्तर को समाप्त किया जाय, ताकि ग्रामीण एवं शहरी मतदाताओं को समान अवसर मिल सके और उनके संवैधानिक अधिकार की रक्षा भी हो सके।