रांची : धनबाद के जज उत्तम आनंद हत्याकांड मामले में झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन ने कहा कि सीबीआई द्वारा किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाना यह केस मिस्ट्री ऑफ अनएक्सप्लेंड की ओर बढ़ता हुआ ही नजर आ रहा है. क्योंकि जितना समय अभियुक्तों को मिल रहा है, उससे सबूतों को खोजने में उतनी ही दिक्कत होगी.
जबकि सीबीआई का कहना है कि जांच अभी भी जारी है और सीबीआई हर संभव कोशिश कर रही है. सीबीआई ने कहा कि ब्रेन मैपिंग और नारको टेस्ट में भी उन्हें कुछ नहीं मिला है, और भी कुछ टेस्ट किए गए हैं. जिनके रिपोर्ट अभी आना बांकी है. सीबीआई का कहना है कि हो सकता है मोबाइल लूट की कोशिश में उनकी हत्या की गई है. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि सीसीटीवी में लूट की कोई घटना दिखाई नहीं दी है. जबकि यह स्पष्ट दिखाई दिया कि उन्हें जानबूझकर मारा गया है. मामले की अगली तारीख 14 जनवरी को तय की गई है.
ऐसे हुई हुई जज की मौत
बता दें कि इससे पहले भी झारखंड हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच में कई सवाल उठा चुके हैं और कई बार सीबीआई को फटकार भी लगाई है. 28 जुलाई 2021 को बुधवार की सुबह 5 बजे जज उत्तम आनंद मॉर्निंग वॉक कर अपने घर की ओर लौट रहे थे. सड़क पूरी तरह से सूनसान थी. जज उत्तम आनंद सड़क के किनारे एकदम बाईं ओर टहल रहे थे. उसी समय वहां पीछे से एक ऑटो रिक्शा आया. ऑटो रिक्शा सड़क के बीचों बीच सीधे चल रहा था, लेकिन फिर अचानक ऑटो रिक्शा जज उत्तम आनंद की तरफ मुड़ गया और उन्हें टक्कर मार दी. ये पूरी घटना सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गई.
इलाज के दौरान मौत
कुछ देर बाद स्थानीय लोगों ने जज उत्तम आनंद को सड़क किनारे पड़े देखा. लोगों ने उन्हें शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया. यहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. इस बीच जज जब काफी देर तक घर नहीं लौटे तो परिजनों ने मामले की सूचना सदर थाना पुलिस को दी. पुलिस ने उनकी तलाश शुरू की. अस्पताल में एक लावारिस शव की सूचना मिलने पर पुलिस वहां पहुंची. जज के बॉडीगार्ड ने उनके शव की पहचान की.
परिवार ने लगाया हत्या का आरोप
जज उत्तम आनंद की मौत के बाद परिवार ने आरोप लगाया कि ये कोई सड़क हादसा नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या है. वहीं, सीसीटीवी फुटेज ने भी जज की मौत पर कई सवाल खड़े कर दिए. शुरुआती जांच में पता चला है कि ये ऑटो रिक्शा भी चोरी का था.
रिपोर्ट: प्रोजेश दास