Ranchi : अगर आप करोड़पति बनने का सपना देख रहे हैं और देशभक्ति का जज्बा रखते हैं, तो Jharkhand की सारंडा की वादियां आपके लिए मौका बन सकती हैं। राज्य सरकार ने मोस्ट वांटेड नक्सलियों की धरपकड़ के लिए भारी इनाम की घोषणा की है। कुल 61 इनामी नक्सलियों की सूची में शामिल नामों की जानकारी देने या उन्हें पकड़वाने में सहयोग करने पर 1 करोड़ रुपये तक का इनाम मिल सकता है।
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Jharkhand : 3 नक्सलियों पर 1-1 करोड़ का ईनाम
दरअसल, झारखंड सरकार ने नक्सल उन्मूलन अभियान को तेज कर दिया है और चाईबासा के घने जंगलों, खासकर सारंडा क्षेत्र को पूरी तरह नक्सल मुक्त बनाने के लक्ष्य पर काम हो रहा है। सुरक्षाबलों और पुलिस का फोकस अब इनामी नक्सलियों पर टिकी है। इनमें से 3 नक्सली तो ऐसे हैं जिनके सिर पर 1-1 करोड़ रुपये तक का इनाम घोषित है।
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61 खूंखार नक्सलियों पर 8 करोड़ का इनाम
राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता ने प्रेस को बताया कि वर्तमान में राज्य में कुल 61 इनामी नक्सली बचे हैं। इनमें 1 करोड़ रुपये के इनामी 3 नक्सली हैं-मिसिर बेसरा उर्फ भास्कर उर्फ सागर, असीम मंडल उर्फ आकाश उर्फ तिमिर और अनिल दा उर्फ तूफान उर्फ पतिराम मांझी। इसके अलावा 25 लाख के 5 इनामी, 15 लाख के 10 नक्सली, 10 लाख के 8 नक्सली, 5 लाख के 25 नक्सली, 2 लाख के 6 और 1 लाख के 5 नक्सली शामिल हैं।
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CRPF, कोबरा, झारखंड जगुआर, जैप और जिला पुलिस की टीमें संयुक्त रुप से चला रही अभियान
इन नक्सलियों को पकड़ने और निष्क्रिय करने के लिए CRPF, कोबरा, झारखंड जगुआर, जैप और जिला पुलिस की टीमें संयुक्त रूप से सघन अभियान चला रही हैं। जंगलों में कॉम्बिंग ऑपरेशन तेज कर दिया गया है और नक्सलियों के ठिकानों तक सुरक्षाबल लगातार पहुंच बना रहे हैं। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि मानसून से पहले सारंडा को पूरी तरह नक्सल मुक्त कर दिया जाए।
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नहीं करेंगे सरेंडर तो होगी कुर्की-जब्ती-डीजीपी
DGP अनुराग गुप्ता ने स्पष्ट किया कि पुलिस टीम अब नक्सलियों के घरों तक पहुंच रही है और उन्हें आत्मसमर्पण का मौका दे रही है। यदि नक्सली सरेंडर नहीं करते हैं तो उनके घरों की कुर्की-जब्ती की जाएगी। नक्सलियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं।
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1 करोड़ के इनामी नक्सली केवल बंदूकधारी नहीं हैं, बल्कि ये नक्सली संगठनों की रीढ़ माने जाते हैं। ये रणनीतिक योजना बनाते हैं, संगठन के कामकाज का संचालन करते हैं और नए युवाओं को गुमराह कर संगठन में भर्ती कराते हैं। यही वजह है कि ये सुरक्षाबलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बने हुए हैं।
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सरकार की रणनीति और जनता की भागीदारी
राज्य सरकार अब जनता को भी इस मुहिम में भागीदार बनाना चाहती है। इनामी नक्सलियों की सूचना देने वालों की पहचान गुप्त रखी जाएगी और उन्हें घोषित इनाम की राशि दी जाएगी। यानी अगर कोई व्यक्ति 1 करोड़ के इनामी नक्सली की पुख्ता सूचना देता है जिससे उसकी गिरफ्तारी या न्यूट्रलाइजेशन संभव हो पाता है, तो उसे सरकार से सीधे 1 करोड़ रुपये मिल सकते हैं।
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