जानिये झारखंड में नक्सली बंदी का कैसा रहा असर

रांची : प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों द्वारा रविवार को आहूत एक दिवसीय झारखंड बंद का राज्य में मिलाजुला असर देखा जा रहा है. जबकि मनोहरपुर में असरदार रहा. बंद के दौरान अग्शिमन वाहन, दुग्ध वाहन, बराती वाहन, दवा दुकान सहित आवश्यक चीजों को मुक्त रखा गया. व्यापारिक प्रतिष्ठानों, पेट्रोल पंप आदि के अलावा रविवारीय साप्ताहिक हाट पूरी तरह से बंद है.

झारखंड की राजधानी रांची की बात करें तो यहां बंदी का असर नहीं है. हालांकि रांची आसपास इलाकों में बंदी का असर देखा जा रहा है. दूरदराज के यात्री एवं मालवाहक वाहनों का परिचालन बाधित रहने से आम लोग काफी परेशान रहे. वहीं बंद को देखते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन विधि व्यवस्था को लेकर मुस्तैद रही.

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नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई- आईजी अभियान एवी होमकर

आईजी अभियान एवी होमकर ने जानकारी देते हुए बताया कि नक्सलियों के खिलाफ झारखंड पुलिस, जैप, सीआरपीएफ के द्वारा निर्णायक लड़ाई छेड़ी गई है. उसी क्रम में जो माओवादियों के गढ़ थे चाहे बूढ़ा पहाड़ हो या पारसनाथ का क्षेत्र हो बुलबुल का इलाका हो उनसभी क्षेत्रों से माओवादियों को लगभग खदेड़ दिया गया है.

15 लाख के इनामी नक्सली कृष्णा हांसदा की गिरफ्तारी का विरोध

बता दें कि भाकपा माओवादी के रीजनल कमेटी मेंबर 15 लाख के इनामी नक्सली कृष्णा हांसदा की गिरफ्तारी के विरोध में आज नक्सलियों ने बंद बुलाया है. बंदी को लेकर धनबाद में भी पुलिस विभाग और रेलवे अलर्ट पर है. गिरिडीह बॉर्डर क्षेत्र में पुलिस की ओर से विशेष अस्थाई कैंप तैयार किया गया है. जहां सशस्त्र पुलिस के जवान को तैनात किया गया है.

झारखंड: सीमावर्ती इलाकों में पूरी तरह से मुस्तैद जवान

धनबाद एएसपी संजीव कुमार ने बताया कि जिले में पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है. सभी सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षाबलों की तैनाती कर दी गई है. किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए पुलिस तैयार है.

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