रांची: राजधानी रांची के नगर निगम क्षेत्र में भवन नक्शा पास कराने वाले लोगों के लिए पिछले 75 दिन परेशानी का सबब बने हुए हैं। निगम में लीगल अफसर की नियुक्ति नहीं होने के कारण नक्शा पास करने की प्रक्रिया पूरी तरह से ठप पड़ी है। रोजाना दर्जनों लोग निगम पहुंचकर अपने आवेदन की स्थिति जानने की कोशिश करते हैं, लेकिन उन्हें यही जवाब मिलता है कि “जब तक लीगल अफसर की बहाली नहीं होती, तब तक नक्शा पास नहीं हो सकता।”
फिलहाल रांची नगर निगम में 320 आवेदन लंबित हैं, जिससे आवेदकों की चिंता बढ़ती जा रही है। वहीं, रांची क्षेत्र विकास प्राधिकरण (RRDA) में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए नक्शा पास करने की प्रक्रिया सामान्य रूप से जारी है।
इस अव्यवस्था की जड़ जनवरी 2025 में झारखंड हाईकोर्ट की उस टिप्पणी में है, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि भवन नक्शा के कागजातों की जांच सिर्फ लीगल अफसर ही करें। पूर्व में राज्य सरकार द्वारा प्रतिनियुक्त पदाधिकारी इस काम को कर रहे थे, जिसे कोर्ट ने अनुचित ठहराया। इसके बाद से रांची नगर निगम ने नक्शा पास करने की प्रक्रिया पूरी तरह से बंद कर दी।
भवन निर्माण कार्य रुकने से इससे जुड़े मजदूरों, ठेकेदारों और निर्माण सामग्री विक्रेताओं पर भी असर पड़ा है। आर्किटेक्ट सुजीत भगत ने कहा कि “इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष रूप से 50 हजार से अधिक लोग जुड़े हैं। जब नक्शा पास नहीं होगा तो निर्माण कैसे होगा? इससे अवैध निर्माण को बढ़ावा मिलेगा और भविष्य में यही नगर निगम कार्रवाई करने पहुंच जाएगा।”
नक्शा पास न होने की वजह से कई लोग अब बिना अनुमति भवन निर्माण शुरू करने की सोचने लगे हैं। एक आवेदक ने कहा, “अगर हम नक्शा पास नहीं करवा पा रहे हैं और निर्माण शुरू कर दें, तो निगम ही बाद में उसे तोड़ने का नोटिस दे देगा। आखिर आम नागरिक जाए तो जाए कहां?”
भवन निर्माण सामग्री जैसे छड़, सीमेंट, बालू आदि के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जितनी देर लोग निर्माण में लगाएंगे, उतनी ज्यादा लागत झेलनी पड़ेगी। यह सीधा आर्थिक नुकसान है, जिसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
रांची नगर निगम को जल्द से जल्द लीगल अफसर की नियुक्ति करनी चाहिए ताकि भवन नक्शा पास की प्रक्रिया फिर से चालू हो सके। नहीं तो न सिर्फ आम लोगों को नुकसान होगा, बल्कि यह प्रशासनिक अनदेखी अवैध निर्माण को भी बढ़ावा देगी।