Mayor
गया : जाति प्रकरण को लेकर मचे बवाल के बीच Mayor गणेश पासवान भी सामने आए हैं। संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर उन्होंने कहा है कि दूसरे की जमीन का कागज दिखाकर मुझे बंगाली बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनके पहली बार पार्षद बनने के बाद से ही उनके विरोधी जाति को लेकर सवाल उठाते हुए राष्ट्रीय महादलित आयोग व राज्य निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी।
सारे जांच के बाद डीएम की ओर से 15 फरवरी 2020 को अखबार में विज्ञापन भी दी गई थी कि किसी को जाति पर आपत्ति है तो अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। डीएम ने उनके पक्ष में फैसला देते हुए विरोधियों के आरोप को खारिज कर दिया था। रिपोर्ट में जांच के आधार पर उन्हें दुसाध जाति ही बताया गया था। उन्होंने बताया कि इस बार मेयर का डायरेक्ट चुनाव जीतने के बाद एक बार फिर से इस मामले को उठाया गया है।
जातीय प्रकरण पर Mayor आए सामने –
दूसरे की जमीन के कागजात को उनके परिवार का बताते हुए बंगाली होने की बात कही गई है, जबकि 1914 के खाता प्लॉट संख्या 6498 में उनके परिजनों को दुसाध जाति ही बताया गया है। उन्होंने कहा कि नियम के अनुसार मामले की जांच निगरानी विभाग को दी जानी चाहिए थी। लेकिन पुलिस अधिकारियों की कमेटी बनाकर जांच कराई गई है। उनके द्वारा सारा कागजात उपलब्ध करा दिया गया था लेकिन दुर्भावना से प्रेरित होकर उनके कागजात पर गौर नहीं किया गया।
जातीय प्रकरण पर Mayor आए सामने –
Mayor ने कहा कि आश्चर्यजनक तथ्य है कि उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे व्यक्ति और उनके परिजनों को गवाह बनाया गया है। इतना ही नहीं आमस के एक व्यक्ति के आधार कार्ड में छेड़छाड़ कर गवाह बनाया गया है। उन्होंने इस पूरे मामले को कोर्ट के सामने रख दिया है।
संवाददाता सम्मेलन में मेयर के पक्ष में कई पार्षद भी मौजूद रहे। जिसमे सशक्त स्थाई समिति के सदस्य अखौरी ओंकार नाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव, पार्षद संजय सिंह, गजेंद्र सिंह, राजेश प्रसाद यादव, मोहम्मद कलाम कुरैशी के अलावे कई महिला पार्षद के प्रतिनिधि मौजूद रहे। साथ ही जिस जमीन के कागजात के आधार पर गणेश पासवान को बंगाली बताया जा रहा है उस जमीन के मालिक भी प्रेस वार्ता में मौजूद रहे।
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गया से आशीष कुमार की रिपोर्ट