राजद में राजनीतिक हिस्सेदारी नहीं मिलने से नाराज हैं अल्पसंख्यक

 कहा न्याय नही मिला तो 2024 और 25 पार्टी को वोट नहीं .

गया। राष्ट्रीय जनता दल के अल्पसंख्यक समाज (मुसलमान) के नेताओं के बीच पार्टी के रवैए को लेकर खास रोष है। उसे इस बात की कसक है कि न तो उनकी सुनी जा रही है और न ही उन्हें राजनीतिक भागीदारी ही सही से मिल रही है। वह मगध क्षेत्र में खुद की राजनीतिक भागीदारी को लेकर इन दिनों मुखर हो गए हैं। वे कहने लगे हैं कि जिसकी जितनी भागीदारी है उसे उसकी उतनी हिस्सेदारी आने वाले 2024 लोकसभा और 2025 के विधानसभा चुनाव में मिलनी ही चाहिए। खास बात यह भी की अल्पसंख्यक समाज को हिस्सेदारी नहीं दिए जाने का मलाल राजद के अलसंख्यक युवाओं में भी है। उनमें इस बात का खासा रोष है।
पार्टी नेता गया जिला उपाध्यक्ष अनवर हुसैन युवा नेता मेराज उद्दीन और वरीय नेता इलियास का कहना है कि गया में बीती 24 फरवरी को हुए जलसे और 3 मार्च को पटना में हुए विशाल जन सभा मे भी उनकी बातों को उनके नेताओं ने नहीं सुनी। वे हाल ही में राजद से एमएलसी के घोषित किए गए तीन उम्मीदवारों पर भी सवाल उठा रहे हैं। इन नेताओं का कहना है कि इसमें अल्पसंख्यक समाज का नेता कोई नहीं है जबकि राजद को ऐसा नहीं करना चाहिए था। उसे अपनी पार्टी के नेता जो अल्पसंख्यक (पसमंदा) समाज से आते हैं उन्हें टिकट देना चाहिए था। इन नेताओं का तर्क है कि जब जातीय गणना में 18 से 20 प्रतिशत अल्पसंख्यक है तो उन्हें उनकी आबादी के अनुसार हिस्सेदारी दी ही जानी चाहिए। युवा नेता का कहना है कि बीते विधानसभा में मगध के 26 सीट में से एक भी पसमांदा मुसलमान को टिकट नहीं दिया गया। यदि इस बार भी ऐसा ही हुआ तो अल्पसंख्यक समाज वोट नहीं करेगा। समाज के नेताओं ने राजद से लोकसभा में गया से एक सीट और विधानसभा में गया से दो सीट के लिए टिकट की मांग कर रही है।

आशीष कुमार की रिर्पोट ।

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