पटना/रांची : गुरु नानक जयंती आज यानी 19 नवंबर को है। आज के दिन गुरु नानक देव जी के जन्मदिन को देशभर में सिख समुदाय द्वारा गुरु पर्व मनाया जा रहा है. वहीं बिहार और झारखंड में गुरु नानक देव के 552वें प्रकाश पर्व नगर कीर्तन निकाली गई. पटना साहिब में सिख समुदाय के लोगों ने गाजे बाजे के साथ नगर कीर्तन निकाली.
गुरु नानक देव जी सिख समुदाय के संस्थापक और पहले गुरु हैं. गुरु नानक देव जी का जन्म रावी नदी के तट पर बसे एक गांव तलवंडी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था. तभी से कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जयंती मनाई जाती है. बिहार की राजधानी पटना में प्रकाशोत्सव में भाग लेने के लिए देश-विदेश के आने वाले श्रद्धालुओं का सिलसिला जारी है. सिख इतिहास में पटना साहिब का खास महत्व है.
साकची गुरुद्वारा में पालकी साहब को फूलों से सजाया
जमशेदपुर : सिखों के पहले गुरु नानक देव जी का 552वें प्रकाश उत्सव के पूर्व संध्या पर साकची गुरुद्वारा ने रात में नगर भ्रमण कीर्तन निकाला. इस अवसर पर कुछ स्थानों पर लंगर की भी व्यवस्था की गई. वैसे गुरुवार की रात तक संगत ने लंगर बनाने का काम किया. कोरोनाकाल के बाद गुरुद्वारों में प्रकाश उत्सव पर भव्य आयोजन को लेकर संगत में काफी उत्साह है. गुरुद्वारों में पालकी साहब को फूलों से सजाया गया है.
कार्तिक पूर्णिमा को जन्मे गुरु नानक देव सर्व धर्म सद्भाव के प्रेरक मिसाल माने जाते हैं. उनका व्यक्तित्व दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्म सुधारक, समाज सुधारक, देशभक्त जैसे गुणों को समेटे हैं. गुरु नानक देव जी ने समाज में फैले अंधविश्वास, घृणा, भेदभाव को दूर करने के लिए सिख संप्रदाय की नींव रखी. उन्होंने समाज में आपसी प्रेम एवं भाईचारे को बढ़ाने के लिए लंगर परंपरा की शुरुआत की थी. इसमें सभी जाति और संप्रदाय के लोग एक साथ बैठकर भोजन करते हैं.
निरसा में धूमधाम से मनाया गया गुरुनानक देव का 552वां प्रकाशोत्सव
निरसा : गुरु सिंह सभा द्वारा गुरु नानक जयंती के अवसर पर शुक्रवार को निरसा के गुरुद्वारा परिसर में 552वें प्रकाश जयंती धूमधाम से मनायी गयी. इस अवसर पर गुरुद्वारा को फूल, लाइट एवं बैलून से सजायी गयी है. आसपास के सिख समुदाय सहित समाज के अन्य लोग गुरुद्वारा पहुंचे, जहां गुरुद्वारा में आयोजित समारोह में शामिल हुए.
कमिटी के सदस्य मंजीत सिंह ने बताया कि इस वर्ष हमलोग गुरुनानक जयंती के अवसर पर 552वां प्रकाश उत्सव मना रहे हैं. इस अवसर पर निरसा गुरुद्वारा में कीर्तन, दरबार, कथा का आयोजन किया गया है. प्रकाश उत्सव के दिन प्रधानमंत्री मोदी ने जो तीन कृषि कानून को वापस लिया है. इसके लिए पूरा सिख समाज उनको बधाई देते हैं. उनके द्वारा लिया गया निर्णय देश हित व किसान हित में है.
गुरुनानक के 552 वें प्रकाशोत्सव पर कई कार्यक्रम आयोजित
बोकारो : बोकारो एवं चास में गुरुनानक देव जी महाराज के 552वें प्रकाशोत्सव पर्व पर कई कार्यक्रम आयोजित की गई. इस अवसर पर उपस्थित कलाकारों द्वारा भजन कीर्तन का आयोजन हुआ. वहीं दूसरी ओर लंगर भी आयोजित की गई. इस बार कोरोना को देखते हुए जुलूस नहीं निकाला गया, जिससे श्रद्धालुओं में मायूसी हैं. गुरुनानक देव जी महाराज की जयंती समारोह में सभी तबके के लोग आए, जिन्होंने कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
नरकटियागंज में निकाली गई नगर कीर्तन
नरकटियागंज : गुरुनानक देव जी के 552वें प्रकाश पर सिख समुदाय की ओर से शुक्रवार को भव्य रूप से नरकटियागंज में नगर कीर्तन निकाली गई. गाजे बाजे के साथ कीर्तन स्थानीय गुरुद्वारे से निकलकर पूरे नगर का भ्रमण करते हुए पुनः गुरुद्वारा पहुंचकर सम्पन्न हुआ. इस अवसर पर कीर्तन में गुरुग्रंथ साहेब के स्वरूप को भी दर्शाया गया.
निशान साहिब व पंच प्यारों की झांकियां भी निकाली गई. दर्जनों सिख महिलाओं द्वारा इस दौरान सड़कों पर झाड़ू लगाकर साफ-सफाई की. समुदाय के परमीत सिंह ने बताया कि नगर कीर्तन के सफल आयोजन में युवाओं का सराहनीय योगदान रहा है. युवाओं ने बढ़-चढ़ कर इस समारोह को आकर्षक बना दिया है.