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नीतीश ने इज्जत के नाम पर झुनझुना थमा दिया-उपेंद्र कुशवाहा

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नीतीश कुमार के बयान पर उपेंद्र कुशवाहा ने दिया जवाब

PATNA: जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार के बीच की तकरार कम होने की बजाए बढ़ती ही जा रही है. उपेंद्र कुशवाहा ने आज एक बार फिर से नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला. कुशवाहा नीतीश कुमार के बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. नीतीश कुमार ने कहा था कि उपेंद्र कुशवाहा जब पार्टी में आए तो उन्हें इज्जत दी गई. इसके जवाब में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मुझे पार्टी की संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष जरूर बनाया गया लेकिन ये हाथ में झुनझुना थमाने जैसा था.


झुनझुना थमा दिया – ‘मुझे संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया लेकिन अधिकार कुछ भी नहीं दिया’

उन्होंने कहा कि पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष को कोई अधिकार नहीं दिया गया. पार्टी में पहले पार्लियामेंट्री बोर्ड नहीं था. बाद में इसे बनाया गया और संविधान में संशोधन कर इसके अधिकार भी राष्ट्रीय अध्यक्ष को दे दिए गए. संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के साथ-साथ सदस्यों के मनोनयन का अधिकार भी राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का पद सिर्फ नाम के लिए है. वो बोर्ड का एक सदस्य भी नहीं चुन सकता है.

‘केंद्रीय मंत्री का पद छोड़ सकता हूं तो एमएलसी का पद भी छोड़ सकता हूं’

आज उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को भी जवाब दिया. उमेश कुशवाहा ने कहा था कि उपेंद्र कुशवाहा को एमएलसी का पद भी छोड़ देना चाहिए. इसका जवाब देते हुए जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि एमएलसी बनना सरकारी नौकरी करने जैसा नहीं है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा – यदि मैं केंद्रीय मंत्री का पद छोड़ सकता हूं तो एमएलसी का पद भी छोड़ सकता हूं.

अति पिछड़ा समाज के लोगों पर नीतीश कुमार को भरोसा नहीं: उपेंद्र कुशवाहा

उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए.

उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा समाज के लोगों पर नीतीश कुमार को भरोसा नहीं है. उन्होंने कहा कि

एक समय पार्टी में अति पिछड़ा समाज के लोगों के लिए जो आकर्षण था वो अब नहीं रहा.

अपना हिस्सा लिए बिना कहीं नहीं जाउंगाः उपेंद्र

नीतीश कुमार को पुराने दिनों की याद दिलाते हुए उपेंद्र कुशवाहा

ने कहा – नीतीश जी ने जैसे 1994 में लालू यादव से हिस्सा मांगा था,

उसी तरह मुझे भी हिस्सा चाहिए. इसके बिना खाली हाथ मैं कहीं नहीं जाने वाला.

रिपोर्ट: राजीव कमल

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