अब झारखंड की हरी जमीन बचा सकते है रोहित शर्मा

अब झारखंड की हरी जमीन बचा सकते है रोहित शर्मा

रांची: ऊ जो रोहित शर्मा है ना जब ब्रिजटाउन के बारबाडोस की पिच की मिट्टी खाया तो उसका स्वाद जीत का था, उसका स्वाद खुशी का था, और उसका स्वाद सपना के सच होने का था लेकिन झारखंड में जो लोग जमीन खा रहे हैं पता नहीं उन्हें किस तरह का स्वाद आ रहा है।

लेकिन स्वाद जरा तीखा और चटपटा जरूर होगा तभी तो जहां रोहित 22 गज के पीच के बस एक टुकड़ा  खा सके वहीं पर झारखंड का हजारों हजार एकड़ जमीन गायब हो चुका है किसी के पेट में समा चुका है इस पेट का पता अर्थ गुप्तचर विभाग भी खोजने में जुटा है, लेकिन अभी तक नहीं मिल पाया है।

पेट का साइज थोड़ा जरूर बड़ा होगा, पर वह गायब है और किसका पेट है वह भी अभी तक पता नहीं चल पाया। अर्थ गुप्तचर विभाग ने इस पेट तक जमीन को पहुंचाने के लिए जिम्मेदार हाथों की खोज कर ली है उसे नियंत्रित करने की कोशिश भी कर रहा है लेकिन उसमें अभी तक सफलता अर्थ गुप्तचर विभाग को भी नहीं मिला है।

वह हाथ भी अभी तक गायब है अर्थ गुप्तचर विभाग हथकड़ी लेकर उन हाथों को अभी भी खोज रहा है पर पता नहीं उ जो पागल खाने के बगल में रहता है वह हाथ कहां गायब हो गया।

लगता है उसे हाथ पर बड़े वाले पेट का आशीर्वाद है जिसमें कई एकड़ जमीन समाए हुए हैं। अर्थ गुप्तचर विभाग के अलावा राज्य के राजकीय सुरक्षा बलों के लिए यह चुनौती बन चुका है उस गायब पेट को खोजना और उसके उस शिष्य हाथ को खोजना जिसके द्वारा उस पेट में लाखों एकड़ जमीन अब तक समा चुकी है।

जो जमीन गायब हुई हैं या यूं कहें अज्ञात या अदृश्य पेट में समा चुकी है वह हरे रंग के थे उस पर ईट के जंगल नहीं बनाया जा सकते थे पर उस पर अभी कई एकड़ में घना ईट का जंगल बन गया है जिस पर ₹100 और ₹500 के पेड़ लगे हुए हैं जो लगातार फल दे रहा हैं लेकिन यह फल वही हाथ उस अदृश्य पेट तक पहुंचा रहा है जिसका पता अभी तक किसी के पास नहीं है।

रोहित शर्मा रोहित शर्मा रोहित शर्मा 

 

Share with family and friends: