नगर निकाय चुनाव 2023 को लेकर अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं

रांची: नगर निकाय चुनाव 2023 – झारखंड में आगामी नगर निकाय चुनाव लोकसभा और विधानसभा चुनाव के तय होने तक टल सकता है, क्योंकि ओबीसी आरक्षण की सीमा को निर्धारित करने के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन में देरी हो रही है। अगर आयोग का गठन और दो महीने से अधिक समय बाद भी नहीं होता है, तो निकाय चुनाव का आयोजन 2023 में संभव नहीं होगा क्यों कि आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के साथ आ रहे हैं।

ओबीसी आयोग के अध्यक्ष का पद न्यायिक पदाधिकारियों के लिए सुरक्षित है, लेकिन सरकार को इस पद के लिए उम्मीदवार नहीं मिल रहा है, जिसके चलते सरकार अब आयोग के गठन के नियमों में परिवर्तन की सोच रही है। इसका मतलब है कि अब न्यायिक पदाधिकारी के स्थान पर सामाजिक-राजनीतिक सरोकार से जुड़े व्यक्ति को भी आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।

अगर अगले एक-दो महीने में आयोग का गठन होता है, तो भी आयोग को ओबीसी का सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक सर्वेक्षण करने में 3 से 4 महीने का समय लगेगा। फिर सरकार आयोग की अनुशंसा के आधार पर ओबीसी आरक्षण की सीमा तय करने के लिए चुनाव कराने का विचार करेगी।

2024 में मई तक लोकसभा और नवंबर तक विधानसभा चुनाव का आयोजन होना प्रस्तावित है, लेकिन अब चर्चा हो रही है कि दिसंबर 2023 में ही लोकसभा चुनाव कराया जा सकता है।

नगर निकाय चुनाव 2023

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि भाजपा ने दिसंबर में चुनाव प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर बुक कर लिया है, जिसके बाद विपक्षी दलों की नजर केंद्र सरकार के रुख पर है। अगर ऐसा होता है, तो झारखंड सरकार भी निकाय चुनाव को टालने की कोशिश करेगी।

झारखंड में 48 नगर निकायों में चुनाव होने वाले हैं, जिनमें 34 नगर निकायों का कार्यकाल अप्रैल 2023 में समाप्त हो चुका है, जबकि 14 निकायों के चुनाव मई 2020 से ही लंबित हैं।
राज्य के सारे नगर निकाय जनप्रतिनिधि विहीन हो चुके हैं और अफसरों के माध्यम से सभी काम हो रहे हैं। भाजपा का

कहना है कि झारखंड सरकार निकाय चुनाव करवाने के लिए तैयार नहीं है, और कांग्रेस का कहना है कि निकाय चुनाव लोकसभा चुनाव के बाद ही संभव है।

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