गढ़वा में आदिवासी महिला का यौन शोषण और धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने का मामला, आरोपियों पर केस दर्ज करने का आदेश

गढ़वा

गढ़वा. जिले के आदिवासी महिला के साथ दुष्कर्म और धर्म परिर्वतन के लिए दबाव बनाने का मामला सामने आया है। इस मामले में न्यायालय ने आरोपियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। मामला रंका थानांतर्गत एक गांव का है। दुष्कर्म और धर्म परिर्वतन का आरोप मो. इजहार अंसारी, नदीम अंसारी और सुल्ताना परवीन पर लगा है। उनके खिलाफ महिला ने न्यायालय में परिवाद पत्र दाखिल किया था।

गढ़वा में दुष्कर्म और धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने का मामला

मामले की गंभीरता को समझते हुए न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी अनुलिका कुमार की आदालत ने रंका थाना को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि गांव में 300 घर हैं। उनमें एक मात्र आदिवासी महिला वह है। आरोप पत्र में कहा गया है कि मो. इज़हार अंसारी अपने पंचायत का मुखिया है। वर्ष 2003 में 14 वर्ष की उम्र में जबरन उसके घर में घुसकर हथियार के बल पर नक्सली होने का भय दिखाकर आरोपी ने उसका बलात्कार किया था। उसके बाद से ही वह लगातार जबरन शारीरिक संबंध बनाता रहा। इस बीच उसका तीन बार गर्भपात भी करा दिया गया।

पीड़िता ने बताया है कि उसे अपने समुदाय में शादी नहीं करने की धमकी देते हुए इस्लाम धर्म कबूल करने का दबाव बना रहा है। उसने धमकी दी कि ऐसा नहीं करने पर उसे जबरन वैश्यावृति में धकेल दिया जाएगा। आरोपियों से तंग आकर उसने रंका थाना प्रभारी, पुलिस अधीक्षक गढ़वा, पुलिस उपमहानिरीक्षक पलामू व मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग रांची, पुलिस महानिरीक्षक रांची को आवेदन देकर सुरक्षा की गुहार लगाई थी।

आरोपियों पर कार्रवाई नहीं होने के बाद न्यायालय में परिवाद पत्र दायर कर न्याय की गुहार लगाई। उधर एसपी ने बताया कि कोर्ट से आदेश आने पर मामले में केस दर्ज कर अनुसंधान कर कार्रवाई की जाएगी। उधर मुखिया मो. इजहार ने बताया कि महिला की ओर लगाए गए सभी आरोप निराधार है। महिला के खिलाफ उनका जमीन का मामला पहले से ही कोर्ट में विचारधीन है। दुर्भावना से ग्रसित होकर महिला अनर्गल आरोप लगा रही है।

गढ़वा से आकाशदीप की रिपोर्ट

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