नई दिल्ली : Parliament All Party Meeting – जदयू ने सर्वदलीय बैठक में उठाया बिहार को विशेष राज्य दर्जा देने का मुद्दा। बजट सत्र से पहले संसद में रविवार को राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का मुद्दा उठाया। इसी मुद्दे पर बिहार में बीते कुछ दिनों से सियासत गर्म है कि पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाले एनडीए सरकार में अहम भूमिका में होकर भी जदयू नेता बिहार के हित की बात पूरे दमखम से नहीं रख पा रहे हैं। रविवार को सर्वदलीय बैठक में जदयू के इस रुख पर बिहार से जुड़े कांग्रेस, राजद आदि के सांसदों का रुख तत्काल सामने नहीं आया लेकिन माना जा रहा है कि इस अहम बैठक में जदयू ने अपनी मुख्य मांग के रूप में इस मुद्दे को उठाकर विरोधियों को चुप कराने का काम किया है।
जदयू ने राजनाथ सिंह सामने प्रमुखता से बिहार का मुद्दा उठाया
सर्वदलीय बैठक में वाईएसआरसीपी ने आंध्र प्रदेश राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। टीडीपी नेता इस मामले पर चुप रहे। जदयू ने भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। सत्तारूढ़ एनडीए में एक प्रमुख सहयोगी जदयू ने हाल ही में बिहार के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा या पैकेज की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था। उसे लेकर बिहार में राजद नेता लगातार बयानबाजी कर रहे थे कि सिर्फ विशेष पैकेज से काम नहीं चलेगा और बिहार के हित में सीएम नीतीश कुमार केंद्र सरकार पर दबाव बनाएं ताकि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले ताकि यह तेजी से विकास के मार्ग पर आगे बढ़ सके। रविवार को संसद में हुए सर्वदलीय बैठक में जदयू नेता ने बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस की मांग की। अब सर्वदलीय बैठक में जदयू की ओर से इस मांग को प्रमुखता से रखे जाने से लाइन क्लीयर हो गई है और जदयू इस मामले पर संजीदा है। जदयू नेताओं का तर्क है को विशेष राज्य का दर्जा मिलने से बिहार में एनडीए के घटक दलों को सियासी लाभ भी मिलेगा। इसी क्रम में राजद सांसद ने संसद में विपक्षी सांसदों को भी बोलने की मंजूरी देने की अपील की।
बजट सत्र में सरकार की ओर से छह विधेय़क पेश करने की तैयारी
सर्वदलीय बैठक में तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर कई विपक्षी दल शामिल हुए। संसद के मुख्य समिति कक्ष, संसदीय सौध में सर्वदलीय बैठक संसद की कार्यवाही के लिए सहमति बनाने के मुद्दे पर हुई। बैठक में संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू, चिराग पासवान, कांग्रेस से प्रमोद तिवारी, गौरव गोगोई और वरिष्ठ नेता जयराम रमेश आदि मौजूद रहे। बैठक में कांग्रेस ने कहा कि विपक्ष को डिप्टी स्पीकर का पोस्ट मिले। इसके अलावा उसने नीट का मुद्दा भी उठाया जबकि समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कांवड़ रूट पर पहचान दिखाने का मुद्दा उठाया। वहीं, वाईएसआर कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में सुरक्षा का मुद्दा उठाया। वाईएसआर कांग्रेस ने कहा कि टीडीपी सरकार उनके नेताओं को राज्य में टार्गेट कर रही है लिहाजा उनको सुरक्षा मिले। इस सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता राजनाथ सिंह ने की। सोमवार से बजट सत्र की शुरुआत होगी और यह सत्र 12 अगस्त तक चलेगा। 23 जुलाई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी। उससे पहले सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई थी ताकि उन मुद्दों को समझा जा सके जिन्हें वे बजट सत्र के दौरान उठाना चाहते हैं। इस सत्र में सरकार की ओर से छह विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद है।
एनसीपी नेता बोले – व्यवधान की परंपरा रोकें, बिना रुकावट सुचारू रूप से चले संसद
एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने सर्वदलीय बैठक को लेकर कहा कि ‘ये औपचारिकताएं हैं, हर सत्र से पहले ऐसी बैठकें बुलाई जाती हैं। बजट सत्र पर सभी दलों ने अपने सुझाव दिए हैं। कई दलों ने अपने-अपने राज्यों के मुद्दे उठाए हैं। मैंने जो सुझाव दिया है वो ये है कि सत्र बिना किसी रुकावट के सुचारू रूप से चलना चाहिए, जो कि अब एक परंपरा बन गई है कि व्यवधान पैदा किया जाता है और अराजकता फैलाई जाती है। सभी मामलों पर चर्चा और बहस होनी चाहिए, लेकिन शांतिपूर्ण तरीके से। डिप्टी स्पीकर के पद को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। मुझे लगता है कि सरकार को इस मुद्दे पर एक अलग बैठक बुलानी चाहिए जिसमें सरकार और विपक्ष एक साथ बैठकर चर्चा करें।’ माकपा सांसद जॉन ब्रिटास ने कहा कि ‘संसद को ठीक से काम करना चाहिए और बहस और चर्चा होनी चाहिए, जो पिछले 10 वर्षों से नहीं हो रही है। हम चाहते हैं कि सरकार जमीनी हकीकत को समझे। बेरोजगारी दर अपने चरम पर है, लोग भूख से मर रहे हैं। राज्यों की शक्ति पर हमला हुआ है।’
प्रमोद तिवारी बोले – बैसाखियों पर टिकी है मौजूदा एनडीए सरकार
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि ‘सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार बैसाखियों पर टिकी है और संविधान, उसके मूल्यों और परंपराओं की हत्या कर रही है। जिस तरह से संविधान निर्माता बी.आर. अंबेडकर और महात्मा गांधी की प्रतिमाओं को यहां से हटाया गया है, जिस तरह से संवैधानिक एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है, बेरोजगारी और महंगाई सरकार की नीतियों के कारण बढ़ रही है, जिस तरह से जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील इलाकों में सेना और सुरक्षा बलों पर हमले हो रहे हैं और यह सरकार इन सबको कायरता के साथ तरह देख रही है। जिस तरह से इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के बलिदान का अनादर किया जा रहा है, ऐसे कई मुद्दे हैं जो लोगों से जुड़े हैं। हम इन सभी मुद्दों को उठाएंगे।’ कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने नीट-यूजी का मुद्दा उठाया। साथ ही ईडी, सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया। सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस के जयराम रमेश और के सुरेश, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, राजद के अभय कुशवाहा, जदयू के संजय झा, आप के संजय सिंह, सपा नेता रामगोपाल यादव और राकांपा के प्रफुल्ल पटेल आदि नेता बैठक में मौजूद थे।