नागपुर हिंसा को लेकर सियासी बयानबाजी भी चरम पर, गडकरी और फडणवीस ने की शांति की अपील

डिजिटल डेस्क : नागपुर हिंसा को लेकर सियासी बयानबाजी भी चरम पर, गडकरी और फडणवीस ने की शांति की अपील। नागपुर में बीते सोमवार की रात हुई हिंसा के बाद अब मंगलवार की सुबह से ही सियासी बयानबाजी का दौर शुरू है।

नागपुर हिंसा के बहाने की सियासी बयानबाजी भी जमकर होने लगी है और महाराष्ट्र सरकार के साथ ही भाजपा को निशाने पर लिया जा रहा है। इस बीच खुद नागपुर से लगातार लोकसभा के निर्वाचित होते रहे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और नागपुर से ही निर्वाचित महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

पूरे मामले की तह तक जाएं तो नागपुर हिंसा की पूरी तस्वीर साफ होने लगती है। असल में नई सरकार के गठन से महाराष्ट्र में हाल के  दिनों औरंगजेब की मजार को लेकर सियासी घमासान अपने चरम पर है।

अति तो तब हो गई जब बीते सोमवार की दोपहर नागपुर में फैली एक अफवाह से उठी चिंगारी शाम होते-होते हिंसक दंगों में बदल गई। इस भड़की हिंसा में लोगों का आक्रोश इतना तेज था कि नागपुर के कई इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया है।

साथ ही पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुए झड़प में कई लोग घायल भी हो गए। फिलहाल पुलिस ने बल प्रयोग कर हालात को नियंत्रित कर लिया लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। साथ ही नागपुर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है।

कांग्रेस ने भाजपा पर फोड़ा ठीकरा…

नागपुर में हुई हिंसा पर कांग्रेस ने भाजपा पर ठीकरा फोड़ा है। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा –‘…नागपुर में पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। वे क्या करेंगे? यह सब पुलिस की निगरानी में ही हो रहा है। नागपुर सीएम का घर है। इसलिए उन्हें देखना चाहिए कि क्या हो रहा है।

…अगर आप नफरत फैलाएंगे, तो देश में शांति भंग होगी और विकास नहीं होगा। …अगर उन्होंने सरकार बनाई है, तो उन्हें लोगों के कल्याण के लिए काम करना चाहिए, लेकिन वे 400 साल पुराने मुद्दों को खोद रहे हैं।’

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि ‘…महाराष्ट्र के सीएम के गृहनगर नागपुर के महल इलाके में दंगा भड़क गया। नागपुर 300 साल पुराना शहर है। …इन 300 सालों के इतिहास में नागपुर में कोई दंगा नहीं हुआ। …हम सभी को पूछना चाहिए कि ऐसी स्थिति क्यों बनी?’

महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने सीधे प्रदेश की सत्तारूढ़ सरकार को निशाने लिया है। हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि –‘…हिंसा राज्य के गृह विभाग की विफलता है।  मंत्री पिछले कुछ दिनों से जानबूझकर भड़काऊ भाषण दे रहे हैं।

…नागपुर में सभी धर्मों के लोग सद्भावना के साथ रहते हैं। नागपुर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का शहर है। नागपुर शहर में तनाव, पथराव और आगजनी गृह विभाग की पूरी तरह विफलता है।

…पिछले कुछ दिनों से राज्य के मंत्री जानबूझकर समाज में हिंसा भड़काने के लिए भड़काऊ भाषण दे रहे हैं। ऐसा लगता है कि नागपुर में उनके प्रयासों को सफलता मिली है।’

इन सबसे इतर कांग्रेस सांसद श्यामकुमार बर्वे ने हिंसा की निंदा की। बर्वे नेलोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा, ‘नागपुर में हिंदू-मुस्लिम झड़प कभी नहीं हुई। दोनों समुदायों को शांति बनाए रखनी चाहिए। ऐसी घटनाओं के जरिए मुख्य मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश की जा रही है।’

नागपुर में हिंसा के बाद पुलिस एक्शन।
नागपुर में हिंसा के बाद पुलिस एक्शन।

नागपुर हिंसा पर सत्तापक्ष की संयमित टिप्पणी को भी जानें…

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और नागपुर से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हिंसा के मद्देनजर शांति और सद्भाव की अपील की है।

सीएम फडणवीस ने अपने बयान में कहा कि – ‘…सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। …लोगों से अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील भी करता हूूं।

…नागपुर के महल इलाके में पथराव और तनावपूर्ण स्थिति के बाद पुलिस स्थिति को संभाल रही है। …मैं पुलिस के लगातार संपर्क में हूं। …पुलिस से लोगों के साथ सहयोग करने को कहा है।

हिंसा के बाद वाली सुबह मंगलवार को नागपुर के सड़कों की तस्वीर
हिंसा के बाद वाली सुबह मंगलवार को नागपुर के सड़कों की तस्वीर

महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने कहा कि –‘…यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। …नागपुर में ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह संतों का स्थान है। …रामनवमी के दौरान, यहां मुस्लिम लोगों ने हिंदुओं के स्वागत के लिए टेंट लगाए।

…यहां एक दरगाह है जहां हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, सभी धर्मों के लोग आते हैं। …जो लोग इस हिंसा में शामिल हैं वे यहां (नागपुर) के लोग नहीं हैं। …कुछ असामाजिक तत्व बाहर से आए और उन्होंने हिंसा की।

…मैं सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। …हिंसा से किसी को कोई लाभ नहीं होता’।

भाजपा नेता अनिल बोंडे ने कहा कि –‘…औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। अब, महाराष्ट्र में, कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) के नेता जितेंद्र आव्हाड जैसे बयान देते हैं कि अगर औरंगजेब नहीं होते, तो छत्रपति शिवाजी महाराज भी नहीं होते।

…जो लोग संगठित अपराध में शामिल हैं, वे हिंसा शुरू करने के लिए उकसाए जाते हैं, यही नागपुर में हुआ है। …देवेंद्र फडणवीस की सरकार को बदनाम करने के लिए ऐसी चीजें की जा रही हैं। …देवेंद्र फडणवीस सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी’।

क्षतिग्रस्त वाहन बयां कर रहे नागपुर हिंसा के तांडव की कहानी।
क्षतिग्रस्त वाहन बयां कर रहे नागपुर हिंसा के तांडव की कहानी।

आदित्य ठाकरे, मायावती और निर्दलीय सांसदों ने भी की टिप्पणी

नागपुर में हुई हिंसा पर अन्य सियासी खेमों से भी टिप्पणियां सामने आई है। महाराष्ट्र के शिवसेना (यूबीटी) विधायक आदित्य ठाकरे ने राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति के अभूतपूर्व रूप से बिगड़ने का आरोप लगाया।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा कि –‘महाराष्ट्र में किसी की भी कब्र व मजार आदि को क्षति पहुंचाना व तोड़ना ठीक नहीं, क्योंकि इससे वहां आपसी भाईचारा, शान्ति व सौहार्द आदि बिगड़ रहा है। सरकार ऐसे मामलों में खासकर नागपुर के अराजक तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे वरना हालात काफी बिगड़ सकते हैं, जो ठीक नहीं‘।

ओवैसी की पार्टी AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा कि – ‘…हम ऐसी हर हिंसा की निंदा करते हैं। …महाराष्ट्र सरकार को इस बात की जांच करनी चाहिए कि ऐसी हिंसा क्यों हुई?

…भाजपा में कुछ लोग हैं, जो नफरत फैलाते रहते हैं। …हम कहते रहे हैं कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। …भाजपा 400 साल पुराने औरंगजेब का मुद्दा उठाकर ध्यान भटका रही है’।

महाराष्ट्र के सांगली से निर्दलीय सांसद विशाल प्रकाशबापू पाटिल ने कहा कि –‘…मैं सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। …सांप्रदायिक हिंसा हमेशा राजनीतिक लाभ के लिए की जाती है। …जो लोग इसे बढ़ावा दे रहे हैं, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि महाराष्ट्र के मुसलमानों का औरंगजेब से कोई लगाव नहीं है। …इसलिए इसे धार्मिक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए’।

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