संसद : मानसून सत्र की कार्यवाही 3 दिनों पहले अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

फाइल फोटो

डिजीटल डेस्क :  संसद – मानसून सत्र की कार्यवाही 3 दिन पहले अनिश्चितकाल के लिए स्थगित। शुक्रवार को संसद के मानसून सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। मानसून सत्र का 3 दिनों पहले ही समापन कर दिया गया जबकि पहले तय कार्यक्रम के मुताबिक सोमवार तक अभी संसद को चलना था। दोनों ही सदनों में स्पीकर ने सत्र की उपलब्धियां गिनाईं और बाद राज्यसभा-लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की गई।

स्पीकर ओम बिरला ने किया लोकसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित

लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। संसद का मौजूदा सत्र 12 अगस्त को समाप्त होने वाला था,लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया। वहीं आज ही राज्यसभा की कार्यवाही भी अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है।

इससे पहले ओम बिरला ने कहा कि सदन की उत्पादकता 130 प्रतिशत से अधिक रही। इस सत्र के दौरान सदन ने वित्त विधेयक, 2024 और विनियोग विधेयक, 2024 सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए – जो केंद्रीय बजट के लिए महत्वपूर्ण हैं।

इसके अतिरिक्त, जम्मू और कश्मीर विनियोग विधेयक, 2024 और भारतीय विमान विधेयक, 2024 पारित किए गए चार विधेयकों में से थे। सत्र में वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन के लिए एक विधेयक भी पेश किया गया, जिसे बाद में इसके प्रावधानों पर विपक्षी सदस्यों के विरोध के बीच संसद की एक संयुक्त समिति को भेज दिया गया।

स्पीकर ने सत्र के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने में सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विपक्ष के नेता राहुल गांधी और विभिन्न दलों के सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया।

राज्यसभा में मानसून सत्र स्थगन की हुई घोषणा

शुक्रवार को विपक्ष के वॉकआउट के कारण राज्यसभा की कार्यवाही निर्धारित समय से एक दिन पहले ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। उच्च सदन की कार्यवाही 12 अगस्त तक प्रस्तावित थी। वहीं दोपहर के भोजन के बाद के सत्र में कई बार स्थगन के बाद, जब सदन 3.30 बजे फिर से शुरू हुई, तो सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन के अंदर और बाहर विपक्षी सदस्यों के व्यवहार पर चिंता व्यक्त की।

बाद में उन्होंने सदन की कार्यवाही 1554 बजे अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले शुक्रवार को दोपहर के भोजन के बाद के सत्र में राज्यसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित हुई जबकि सुबह के सत्र में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच कई मुद्दों पर बहस हुई थी। इससे पहले दोपहर में उच्च सदन में सभापति जगदीप धनखड़ और अभिनेत्री-राजनेता जया बच्चन के बीच नोकझोंक हुई।

जया बच्चन ने सभापति के बोलने के लहजे पर आपत्ति जताई जबकि सभापति ने कहा कि उनके जैसी मशहूर हस्ती को भी शिष्टाचार का पालन करना चाहिए। इसके बाद दोपहर 2 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, उपसभापति हरिवंश ने बिना कोई कारण बताए सदन को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया।

दोपहर 2:30 बजे जब सदन फिर से बैठा तो उन्होंने सदन को फिर से 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दोपहर 3 बजे जब उच्च सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, तो हरिवंश ने सदन को 3:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया था।

स्थगन से पहले लोकसभा ने भारतीय वायुयान विधेयक को दी मंजूरी

लोकसभा ने शुक्रवार को 90 साल पुराने विमान अधिनियम को बदलने और विमानन क्षेत्र में कारोबार को और आसान बनाने के लिए एक विधेयक पारित किया। भारतीय वायुयान विधेयक 2024 में अनावश्यकताओं को दूर करने और विमान अधिनियम, 1934 को बदलने का प्रावधान है – जिसे 21 बार संशोधित किया गया है।

निचले सदन में विधेयक को पारित करने के लिए पेश करते हुए, नागरिक विमानन मंत्री के राममोहन नायडू ने कहा कि मंत्रालय हवाई किराए में बढ़ोत्तरी समेत लोगों की शिकायतों को दूर करने और समय पर प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए एक बेहतर ऑनलाइन तंत्र स्थापित करेगा।

जानिए संसद सत्र के प्राविधान के बारे में…

संविधान के 85वें अनुच्छेद में संसद सत्र का प्रावधान दिया गया है। संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति इसका निर्णय लेती है, जिसे राष्ट्रपति की ओर से औपचारिक रूप दिया जाता है। प्राविधान के मुताबिक संसद में तीन सत्र होते हैं।

पहला सत्र जनवरी महीने के अंत में होता है जो सबसे लंबा सत्र होता है- इसे बजट सत्र कहते हैं। यह अप्रैल के आखिरी हफ्ते या मई के पहले हफ्ते तक चलता है। इस सत्र में बजट के प्रस्तावों पर चर्चा होती है. वित्त मंत्री के बजट भाषणों पर बहस होती है।

इसके बाद जुलाई में तीन हफ्ते का मॉनसून सत्र होता है। यह जुलाई से शुरू होकर अगस्त में खत्म हो जाता है। यह सत्र भी काफी महत्वपूर्ण होता है। इसके बाद संसद का तीसरा सत्र शीतकालीन सत्र आता है। यह नवंबर से दिसंबर महीने तक होता है।

संसद के इन्हीं सत्रों के दौरान सरकार विपक्षी दलों की सहमति और समर्थन से नये कानून बनाती है। इन तीनों सत्र के अलावा भी विशेष सत्र बुलाये जाते हैं। सरकार को संसद का कोई भी सत्र बुलाने का अधिकार है। सत्र को आहूत करने के लिए राष्ट्रपति संसद के हरेक सदन को समय समय पर समन भी जारी करते हैं।

इसी तरह से सत्रावसान की कार्रवाई भी राष्ट्रपति द्वारा ही की जाती है। कोविड 19 संक्रमण के दौरान संसद का शीतकालीन सत्र रद्द किया गया था।

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