Rajmahal Loksabha : क्या JMM बचा पाएगी लाज या बाजी मार जाएंगे लोबिन, ताला का क्या होगा…

Rajmahal Loksabha

Rajmahal Loksabha : लोकसभा चुनाव का अब आखिरी दौर आ चुका है। अंतिम चरण का चुनाव 1 जून को होना है। 1 जून को झारखंड में राजमहल लोकसभा सीट में भी मतदान होने वाला है। इस बार चुनाव रोचक मोड़ से होकर गुजरने वाला है।

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एक ओर जेएमएम की आन, बान और शान की लड़ाई है तो बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। ये सीट रोचक इसलिए भी है क्योंकि हमेशा से जल, जंगल, जमीन की मांग करने वाले लोबिन हेंब्रम भी चुनावी मैदान में इस बार उतर चुके हैं।

पिछले चुनाव में भारी मतो सें जीते थे विजय हांसदा

राजमहल सीट से पिछली बार विजय हांसदा जीतकर संसद तक पहुंचे थे। जेएमएम ने इस बार भी उनपर भरोसा जताते हुए चुनावी मैदान में फिर से उतारा है। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने राजमहल सीट से ताला मरांडी को उतारा है। तीसरी तरफ से लोबिन हेंब्रम ने जेएमएम से बगावत कर निर्दलीय रुप में उतरकर मुकाबले को और भी रोचक बना दिया है।

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कुल 14 उम्मीदवार मैदान में

राजमहल सीट पर इस बार के चुनाव में कुल 14 उम्मीदवार मैदान में है। यदि राजमहल लोकसभा सीट की बात करें तो इस सीट पर कुल वोटरों की संख्या 17 लाख 4 हजार के आस-पास है। जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 8 लाख 51 हजार है वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 8 लाख 53 हजार है, वहीं इस सीट पर 10 मतदाता थर्ड जेंडर से आते हैं। यदि राजमहल लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की बात करें तो कुल 2020 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं।

लोबिन के उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है

पहले यह मुकाबला दो तरफा होता नजर आ रहा था पर बोरियो विधायक लोबिन हेंब्रम के निर्दलीय मैदान में उतरने के बाद सारे समीकरण उल्टा पुल्टा हो गया। लोबिन ने राजमहल सीट को और भी रोजक बना दिया है। इसलिए अंदाजा जताया जा रहा है कि इस सीट से अब मुकाबला त्रिकोणीय होने वाली है।

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एक तरफ बीजेपी के ताला मरांडी के पक्ष में कई बड़े नेताओं ने जनसभा को संबोधित करते हुए विकास के नाम पर वोट करने के अपील कर रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस हमेशा से बीजेपी की तानाशाही और जुमलेबाजी को लेकर घेरता रहा है। अब देखना यह रोजक होगा कि इस त्रिकोणीय मुकाबले में बाजी कौन मारता है।

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