Bihar Jharkhand News

उपेंद्र कुशवाहा को BJP का साथ, RJD बोली पहले दिखाएं वफादारी

Facebook
Twitter
Pinterest
Telegram
WhatsApp

PATNA: उपेंद्र कुशवाहा को बीजेपी का साथ मिला है. उपेंद्र कुशवाहा के बयान को सही बताते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार और जेडीयू ने उन्हें नाम का अध्यक्ष बनाकर कोई अधिकार नहीं दिया. सिर्फ दो लोगों के पास ही पार्टी का पूरा कंट्रोल है. बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी के अंदर की बात को उठाया है. उपेंद्र कुशवाहा कोई छोटे नेता नहीं है, उनको अगर लाए हैं तो ला करके उचित सम्मान देना चाहिए था.

उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने बिल्कुल ठीक कहा केवल संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बना करके कोई अधिकार ना देना कोई सम्मान नहीं होता है. केवल दो व्यक्ति जिनका एकछत्र राज पार्टी के अंदर चल रहा है एक निर्णय करने वाले दूसरा इंप्लीमेंट करने वाले. प्रेम रंजन पटेल ने कहा जेडीयू कोई छोटी पार्टी नहीं है, उस पार्टी में उपेंद्र कुशवाहा को केवल ला करके झुनझुना थमा दिया गया. उपेंद्र कुशवाहा ने कोई गलत बात नहीं कहा.


उपेंद्र कुशवाहा : ‘1994 से लगातार पार्टी के लिए उपेंद्र कुशवाहा काम कर रहे हैं’


प्रेम रंजन ने कहा कि जब 1990 में बिहार में जनता दल यूनाइटेड की सरकार बनी थी उस सरकार में नीतीश कुमार हिस्सेदारी मांग रहे थे, उसी हिस्सेदारी को लेकर 12 फरवरी 1994 को पटना के गांधी मैदान में कुर्मी चेतना महा रैली हुई थी और उसके बाद समता पार्टी का गठन हुआ था. उस समय से उपेंद्र कुशवाहा उस पार्टी के अंदर थे और लगातार पार्टी के लिए काम को कर रहे थे इसलिए उन्होंने कहा मैं वही हिस्सेदारी मांग रहा हूं. प्रेम रंजन पटेल ने उपेंद्र कुशवाहा के काफिले पर हमला को लेकर कहा यह लोग कमजोर हैं जो लोकतंत्र में लाठी और पत्थर से आवाज को दबाना चाहते हैं.

पहले दिखाएं पार्टी के साथ वफादारी : RJD

उपेंद्र कुशवाहा के हिससेदारी वाले बयान पर आरजेडी ने तंज कसा है. राजद ने कहा कि राजनीति में जो वफादारी पार्टी के साथ जनता के साथ वफादारी करते हैं वह खुद पार्टी में हिस्सेदार हैं वह लोग हिस्सेदारी नहीं मांगते. जदयू पार्टी में वह संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं और एमएलसी भी हैं. सभी समाजवादी एक साथ मिले हुए हैं, और भाजपा की नजर इन्हीं समाजवादियों पर है उपेंद्र कुशवाहा जो बोल रहे हैं उसका स्क्रिप्ट कहीं और लिखा जा रहा है.

रिपोर्ट: राजीव कमल

Recent Posts

Follow Us