Patna- राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा है कि जब आरएसएस शारीरिक प्रशिक्षण करता है,
तब वह इसे राष्ट्र की सेवा कहता है, लेकिन जब इसी प्रकार का शारीरिक प्रशिक्षण मुस्लिम संगठनों की ओर से किया जाता है,
तब बड़ी ही चालाकी से उसे राष्ट्रविरोधी और दंगाई बता दिया जाता है.
जगदानंद सिंह ने कहा कि एक पुलिस का अधिकारी जो अशोक चक्र धारण करता है,
वह कहता है कि पकड़े गये लोगों के द्वारा आरएसएस की तरह शारीरिक प्रशिक्षण दिया जा रहा था.
वह दोनों को एक ही समान मान रहा है, तब इन्हे चिढ़ होने लगती है, जब जनता आरएसएस को प्रतिबंधित करने की बात करती है,
तब ये कहने लगते हैं कि आरएसएस राष्ट्र सेवा का कार्य करती है.
लेकिन वही काम मुस्लिमों की ओर से किया जाय तो इसे दंगायी कहा जाता है,
दाढ़ी वाले, नमाजे पढ़ने वालों को पकड़ा जाता है, दावा किया जाता है कि वे पाकिस्तान बात कर रहे थें,
सवाल यह है कि देश के बंटवारे के समय उनके परिजन पाकिस्तान गयें, तब क्या उनका अपने परिजनों से बात करना देशद्रोह हो गया.
हर दाढ़ी वाले और नमाजी को आंतकी तो नहीं कहा जा सकता
जगदानंद सिंह ने कहा कि पकड़े गये लोगों को अभी आंतकवादी कहना उचित नहीं है,
अभी उनके खिलाफ आरोप साबित नहीं हुआ है, सिर्फ शारीरिक प्रशिक्षण का संचालन करने
के कारण उन्हे आंतकवादी नहीं कहा जा सकता. पाकिस्तान में बात करना राष्ट्रद्रोह नहीं है.
सच्चाई है कि जब-जब भी भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बने पाकिस्तानी एजेंटों को पकड़ा गया है,
वह सभी आरएसएस के लोग ही निकले हैं.
जगदानंद सिंह ने कहा पकड़े गये लोग आंतकवादी है या नहीं यह फैसला कोर्ट करेगी,
इनके द्वारा तो जुबैर को भी पकड़ा गया , क्योंकि वह इनकी सच्चाई को सामने ला रहा था,
लेकिन क्या हुआ, आज कोर्ट से उसे जमानत मिल गयी, कल इनके साथ भी यही हो सकता है,
हर दाढ़ी वाले और नमाजी को आंतकी तो नहीं कहा जा सकता.
रिपोर्ट- शक्ति