डिजीटल डेस्क : एनडीए में कभी भाजपा का शुरूआती सहयोगी रहा अकाली दल बदले हालातों में इस बार के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा के लिए पंजाब में एक भी सीट नहीं छोड़ेगी। दोनों के बीच तालमेल नहीं बैठ पाया तो अकाली दल ने अपने स्तर पर सीटवार चुनावी समीकरण का आकलन कर गत बार की भांति अकेले ही सभी सीटों पर लड़ेगी। इसी क्रम में बैसाखी के मौके पर शनिवार को लोकसभा चुनाव के लिए शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने पंजाब की 13 में से सात सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। पहली सूची में पार्टी ने छह पुराने चेहरों पर ही दांव लगाया है।
चौंकाने वाले घटनाक्रम में गुरदासपुर से शिअद के प्रत्याशी की घोषणा है। इस सीट से भाजपा की ओर से लंबे समय तक लोकसभा में बालीवुड अभिनेता विनोद खन्ना और बाद में सन्नी देओल अभी सांसद हैं। अब शिअद ने इसी गुरदासपुर से डॉ. दलजीत सिंह चीमा को अपने प्रत्याशी बनाया है। वह पेशे से डॉक्टर हैं और वह वर्ष 2012 से 2017 तक पंजाब के शिक्षा मंत्री रहे। बाद में प्रदेश सरकार में लंबे समय तक वह मुख्मंत्री के सलाहकार भी रहे हैं और बतौर प्रवक्ता शिअद की ओर विभिन्न मुद्दो पर कमान संभालते रहे हैं।
पहली सूची में हरसिमरत कौर बादल का नाम नहीं
शिअद की पहली सूची में अध्यक्ष सुखबीर बादल और उनकी पत्नी हरसिमरत कौर बादल का नाम नहीं है जो कि तीन बार लोकसभा सदस्य चुनी गई हैं। उनकी पारंपरिक सीट बठिंडा रही जिस पर प्रत्याशी अभी घोषित नहीं हुआ है। इसी तरह फिरोजपुर सीट पर भी प्रत्याशी की घोषणा नहीं हुई है जहां से इस समय सुखबीर सिंह बादल सांसद हैं। उनके इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना कम है। इसी के साथ होशियारपुर सीट पर फिलहाल उम्मीदवार घोषित नहीं हुआ है जहां से पहले भाजपा का लोकसभा में प्रतिनिधित्व होता था।
श्री आनंदपुर साहिब से प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा को टिकट दी गई है। इसके अलावा अमृतसर से अनिल जोशी, फतेहगढ़ साहिब से बिक्रमजीत सिंह खालसा, संगरुर से इकबाल सिंह झूंडा और फरीदकोट से राजविंदर सिंह चुनावी मैदान में उतारे गए हैं। राजविंदर स्वर्गीय गुरदेव सिंह बादल पोते हैं।