Tirupati Laddu Controversy में Supreme आदेश : नई एसआईटी करेगी मामले की जांच, राजनीतिक ड्रामा नहीं चाहते

Tirupati Laddu Controversy

डिजीटल डेस्क : Tirupati Laddu Controversy में  Supreme आदेश – नई एसआईटी करेगी मामले की जांच, राजनीतिक ड्रामा नहीं चाहते। शुक्रवार को Tirupati Laddu Controversy में  Supreme कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के तिरुमाला में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में प्रसाद के रूप में परोसे जाने वाले लड्डू बनाने में पशु चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों की जांच के लिए एक नई स्वतंत्र एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है।

नई एसआईटी में सीबीआई के दो अधिकारी, आंध्र प्रदेश पुलिस के दो अधिकारी और एफएसएसएआई का एक वरिष्ठ अधिकारी होंगे। साथ ही सीबीआई निदेशक एसआईटी जांच की निगरानी करेंगे। कोर्ट ने कहा कि यह करोड़ों लोगों की आस्था का सवाल है। ऐसे में वह नहीं चाहता कि यह राजनीतिक ड्रामा बन जाए।

अगर एक स्वतंत्र निकाय होगा, तो विश्वास पैदा होगा। सर्वोच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी करते हुए याचिका का निपटारा कर दिया कि यदि कोई बात हो तो आप जांच लंबित रहने तक फिर से न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

Tirupati Laddu Controversy : सॉलिसिटर जनरल का पक्ष सुनने के बाद Supreme कोर्ट ने दिया आदेश

इससे पहले मामले की सुनवाई (Tirupati Laddu Controversy) के दौरान केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने Supreme कोर्ट से कहा कि अगर आरोप में कोई भी सच्चाई है तो यह अस्वीकार्य है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि एसआईटी की निगरानी किसी वरिष्ठ केंद्रीय अधिकारी की ओर से की जाए, इससे लोगों में भरोसा बढ़ेगा। देश भर में भक्त हैं, खाद्य सुरक्षा भी है।

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि उन्हें एसआईटी के सदस्यों के खिलाफ कोई शिकायत नहीं मिली। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि एक स्वतंत्र एसआईटी बनाई जाए।

पहले इस मामले की सुनवाई गुरुवार दोपहर साढ़े 3 बजे होनी थी। तब मेहता ने जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा था कि यदि आप अनुमति दें तो क्या मैं शुक्रवार सुबह साढ़े 10 बजे जवाब दे सकता हूं? पीठ ने अनुरोध को स्वीकार कर लिया और कहा कि वह शुक्रवार को मामले में सुनवाई करेगी।

Tirupati Laddu Controversy :

इससे पह  पीठ ने गत 30 सितंबर को मामले की सुनवाई करते हुए मेहता से यह तय करने में मदद करने को कहा था कि राज्य के नियुक्त एसआईटी की जांच जारी रहनी चाहिए या किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जानी चाहिए।

साथ ही सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने पूछा था कि यह दिखाने के लिए क्या सबूत हैं कि लड्डू बनाने में मिलावटी घी का इस्तेमाल किया गया था। हम कम से कम इतनी उम्मीद करते हैं कि देवताओं को राजनीति से दूर रखा जाएगा। अगर जांच के आदेश दिए गए थे तो प्रेस में जाने की क्या जरूरत थी?

Share with family and friends: