नई दिल्ली : भारत सरकार ने गेहूं के निर्यात (Wheat Exports) पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लागू कर दिया है.
आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, भारत ने बढ़ती घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने लिए ये फैसला लिया है.
डीजीएफटी ने कहा, ‘गेहूं की निर्यात नीति तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित है.’
यह भी स्पष्ट किया कि भारत सरकार (Indian Government) द्वारा
अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए और
उनकी सरकारों के अनुरोध के आधार पर दी गई अनुमति के आधार पर गेहूं के निर्यात की अनुमति दी जाएगी.
महंगाई पर रोक लगाने के लिए सरकार ने लिया फैसला
एक अलग अधिसूचना में, डीजीएफटी ने प्याज के बीज के लिए निर्यात शर्तों को आसान बनाने की घोषणा की. देशभर में पिछले काफी समय से खाद्य सामग्री के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं. जिस वजह से लोगों की परेशानी भी बढ़ रही है. अनुमान है कि देश में पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ खाद्य पदार्थ भी महंगे होते जा रहे हैं. खाद्य तेल के दाम जहां आसमान छू रहे हैं. जबकि गेहूं के आटे के दाम भी बढ़ गए हैं.
13 फीसदी बढ़ गई आटे की कीमत
एक जानकारी के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले आटे की कीमत करीब 13 फीसदी बढ़ गई है. खुदरा बाजार में अब आटे की अधिकतम कीमत 59 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है. खुदरा बाजारों में गेहूं के आटे की औसत कीमत सोमवार को 32.91 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में लगभग 13 प्रतिशत अधिक है. सरकारी आंकड़ों में यह बताया गया है.
मंत्रालय 22 आवश्यक वस्तुओं की कीमतों की करता है निगरानी
आठ मई, 2021 को गेहूं के आटे का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 29.14 रुपये प्रति किलोग्राम था. मंत्रालय 22 आवश्यक वस्तुओं – चावल, गेहूं, आटा, चना दाल, अरहर (अरहर) दाल, उड़द दाल, मूंग दाल, मसूर दाल, चीनी, गुड़, मूंगफली तेल, सरसों का तेल, वनस्पति, सूरजमुखी तेल, सोया तेल, पाम तेल, चाय, दूध, आलू, प्याज, टमाटर और नमक की कीमतों की निगरानी करता है. इन वस्तुओं की कीमतों के आंकड़े देशभर में फैले 167 बाजार केंद्रों से एकत्र किए जाते हैं.
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