Nawada-महुली वाली दुल्हनिया-बीच सड़क पर एक युवती बेहद दुबले-पतले से सामान्य कद काठी के युवक को दौड़ा रही है,
बाकि लोग भी उसके पीछे-पीछे भागे जा रहे हैं. सड़क पर अफरातफरी की स्थिति है,
लोग बाग हैरान हैं, किसी को कुछ समझ में आ नहीं रहा, आखिर माजरा क्या है.
महुली वाली दुल्हनिया और महाकार का है दुल्हा
यह अजीबोगरीब ड्रामा है नवादा कोर्ट परिसर की,
लोग एक दूसरे से सच्चाई जानने की कोशिश कर रहे हैं,
नवादा जैसे एक छोटे से टाउन में किसी युवती का एक युवक के पीछे इस प्रकार भागना,
दौड़ा-दौड़ा कर पकड़ने की कोशिश करना कोई सामान्य सी घटना तो नहीं हो सकती.
किसी पटकथा से कम नहीं है महुली वाली दुल्हनिया की कहानी
रफ्ता-रफ्ता इस सीन से पर्दा उठता है, मालुम होता है कि युवती बार बार चिल्ला रही है कि
वह मेरा पति है, उसके पकड़ो- पकड़ो, लेकिन लोग अचंभित है,
युवक को पकड़ने से ज्यादा रुचि उन्हे इस माजरे को समझने में है.
बाद में युवती आवाज लगाती है, भैया मदद करो, वह मेरा पति है, लेकिन शादी से भाग रहा है,
शादी नहीं करना चाह रहा. शादी के डर से भागता फिरता है,
अब पहेली एक बार फिर से उलझने लगती है,
मेरा पति है, आखिर क्या है इसका मतलब?
जब पति है, तब शादी करने की जरुरत क्या है?
और शादी ही नहीं किया तब वह अभागा उसका पति कैसे हो गया?
इस शादी किए बगैर पति बनने का रहस्य क्या है? यह गुत्थी तो और भी उलझती जा रही है.
यह किसी लीव इन रिलेशन का मामला तो नहीं? लेकिन इसकी गुंजाइश तो बेहद कम है,
नवादा बिहार का एक बेहद छोटा ग्रामीण पृष्ठभूमि का शहर है, कोई मुम्बई बंगलौर तो नहीं,
तो फिर इस दौड़ का कारण क्या है?
पल्सर लेकर शादी के भागता फिर रहा था युवक
अचानक से भीड़ से कुछ युवा सामने आते हैं, युवक को पकड़ लिया जाता है.
तब जो कहानी सामने आती है,
वह आपको इस सांवली सी दिखने वाली एक ठेठ देहाती युवती के हौसले को सलाम करने को बाध्य कर देगा.
नारी सशक्तीकरण और सबलीकरण की जो कहानियां आप अखबारों के पन्ने पर पढ़ते और गढ़ते हैं,
उससे कई गुणा ज्यादा है उत्प्रेरित करनी वाली है यह कहानी.
पीड़ित युवती की शादी तीन महीने पहले इस लड़के से तय हुई थी,
लड़की के परिजनों ने युवक पक्ष को दहेज में पल्सर बाइक और 50 हजार रुपए कैश भी दिया था.
लेकिन जब शादी का वक्त आया तब युवक भागा भागा फिरने लगा.
आखिर कार इस युवती ने युवक को सबक सीखाने की ठान ली,
परिजनों को साथ लेकर उसे खोजने निकल पड़ी.
आखिर कार बीच सड़क पर हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद पुलिस प्रशासन के सहयोग से महिला थाना से सटे मंदिर में शादी करवा दी गयी.
युवती के हौसले को सलाम
बतलाया जा रहा है कि युवती नगर थाना क्षेत्र के महुली गांव की है,
जबकि युवक रोह थाना क्षेत्र के महकार गांव का है. खैर इस लड़की के हौसले को सलाम?
और उन युवकों को एक सलाह कि जब शादी विवाह की बात चले तो
अपनी पसंद नापसंद उस रिश्ता तय होने के समय ही बतला दें, नहीं तो अंजाम तो आपके सामने है.
रिपोर्ट- अनिल शर्मा
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