विकास के दावे की पोल खोलता खटिया एम्बुलेंस
Saharsa– बिहार में बहार है, नीतीश कुमार है का यह नारा आपने बखूबी खूब सुना होगा.
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लेकिन बिहार में विकास की पोल खोल रहा है सहरसा जिले के ब्रह्शेर पंचायत अन्तर्गत कुम्हारा घाट का खटिया एम्बुलेंस.
जी हां कुम्हारा घाट के 25 हजार से अधिक आबादी वाले इस इलाके में मरीजों के लिए नदी पार करने का इससे बेहतर कोई अन्य साधन नहीं है.
आजादी के बाद न जाने कितने नेता, मंत्री और विधायकों आए और गएं,
लेकिन इलाके की किस्मत नहीं बदली, आश्वासनों की बूटी के सिवा इन्हे कभी कुछ नहीं मिला.
जीतने के बाद पुल बनवाऊंगा कहने वालों ने जीतने के बाद इस इलाके की टोह कभी नहीं ली.
हर बार एक ही आश्वासन अब की बार बेड़ा पार कर दो इस बार बात पक्की.
लेकिन यह पक्की बात कभी नहीं बनी.
विकास की ढोल जरूर पिटी जा रही है,
लेकिन इनकी किस्मत में आज भी खटिया एम्बुलेंस ही है.
स्थानीय ग्रामीण गोपाल चौधरी बताते हैं कि यह एससी-एसटी बहुल इलाका है,
चुनाव में एमपी एमएलए आते है और आश्वासनों की बूटी पिलाकर चले जाते हैं. लेकिन हम आज भी वहीं खड़ा हैं जहां से हमने अपनी आजादी की शुरुआत की थी.
रिपोर्ट राजीब झा