गिरिडीह. जिले के तिसरी प्रखंड अंतर्गत खिरोध गांव की नदी में आजादी के बाद से अब तक पुल नहीं बनाने से अक्रोशित ग्रामीणों ने मतदान के बहिष्कार करने की घोषणा कर दी है। ग्रामीणों ने कहा कि चुनाव के समय सभी दल के उम्मीदवार और उनके समर्थक वोट मांगते समय नदी में पुल बनाने का वादा करके जितने के बाद भूल जाते हैं। इस दौरान ग्रामीणों ने स्थानीय सांसद, विधायक सहित जनप्रतिनिधि के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
मतदान के बहिष्कार का ऐलान
ग्रामीणों ने कहा कि स्थानीय विधायक बाबूलाल मरांडी, माले नेता राजकुमार यादव, गुरुसहाय महतो सहित कई नेता से गांव आने पर नदी में पुल बनाने की मांग की थी। लेकिन नदी में पुल नहीं बनने से खिरोध गांव के लोग टापू की जिंदगी जीने को मजबूर है। बच्चों की पढ़ाई बरसात के समय बाधित हो जाती है।
बता दें कि खिरोध गांव से सैकड़ों महिला पुरुष, युवाओं और बच्चो ने पैदल मार्च कर खिरोध नदी तक पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि जब-जब मतदान करने का समय आया विधायक, बड़े-बड़े नेता और जनप्रतिनिधि पहुंचे। सभी से इस समस्या का निदान की मांग की। उन लोगों ने वोट लेने के लिए नदी में पुल बनवाने का वादा किया था। इसके बाद चुप्पी साध लिया। इसलिए इस बार हमलोगों ने मतदान किसी के पक्ष में नहीं करने का संकल्प लिया है।
मतदान के बहिष्कार को लेकर बोले ग्रामीण
गांव के खेमलाल पंडित ने कहा कि खिरोध नदी में पुल नहीं रहने से गांव के लोग बरसात के समय टापू की जिंदगी जीने को मजबूर हो जाते हैं। बच्चों जान जोखिम में डालकर नदी पार कर स्कूल, कॉलेज जाते हैं। यदि कोई बीमार पड़ गया तो खटिया पर उठाकर ले जाना पड़ता है।
सगर गुप्ता की रिपोर्ट