दिल्ली : कोरोनो वायरस के वेरियंट कोरोना के बढ़ते मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. इस वायरस के ज्यादातर मरीज ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित हो रहे है. अब ओमिक्रॉन के लक्षणों में कई तरह के बदलाव देखे गए हैं जिनको लेकर वैज्ञानिक भी हैरान है. हर मरीज में ये लक्षण अलग-अलग तरीके से नजर आ रहे हैं.
UK की ZOE कोरोना स्टडी में ओमिक्रॉन के सभी 20 लक्षणों के बारे में पता चला है जिसके बारे में जानकारी दी गई है. इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि मानव शरीर में ये लक्षण कब शुरू होते हैं और कब तक रहते हैं. ओमिक्रॉन के ज्यादातर मरीजों में इनमें से अधिकांश लक्षण देखे जा रहे हैं
ओमिक्रॉन के 20 प्रमुख लक्षण :
1. सिरदर्द
2. बुखार
3. थकान
4. स्किन रैशेज
5. नाक बहना
6. ठंड लगना या कंपकंपी
7. छींक आना
8. कमजोरी
9. ग्रंथियों मे सूजन
10. कर्कश आवाज
11. गले में खराश
12. लगातार खांसी
13. छाती में दर्द
14. चक्कर आना
15. सुगंध महसूस ना होना
16. ब्रेन फॉग
17. सुगंध बदल जाना
18. मांसपेशियों में तेज दर्द
19. आंखों में दर्द
20. भूख ना लगना
बताया गया है कि कोरोना ओमिक्रॉन वैरियंट के मरीजों में ये लक्षण डेल्टा की तुलना में तेज गति से दिखाई देते है. इनका इनक्यूबेशन पीरियड भी कम है. ओमिक्रॉन के मरीजों में संक्रमित होने के 2 से 5 दिनों के बाद लक्षण नजर आते हैं.
एक्सपर्ट का कहना है कि ओमिक्रॉन के मामलों में अब तब गंभीर लक्षण सामने नहीं आए हैं. साथ ही ओमिक्रॉन से रिकवर होने वालों का इम्यूनिटी लेवल भी अच्छा होगा. एक्सपर्ट मानते हैं कि नए वैरिएंट पर काबू पाने के बाद यह इम्यूनिटी लंबे समय तक लोगों के शरीर में बनी रह सकती है. यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंजीलिया के इंफेक्शियस डिसीज एक्सपर्ट प्रोफेसर पॉल हंटर का कहना है कि ओमिक्रॉन या दूसरा कोई भी वैरिएंट इम्यूनिटी को बेहतर बनाता है. फिर यही इम्यूनिटी उस वैरिएंट के खिलाफ ज्यादा असरदार बन जाती है. हालांकि ये दूसरे लोगों को संक्रमित करना तब भी जारी रखता है.’ संक्रमितों पर हुई स्टडीज के मुताबिक, वायरस की चपेट में आए मरीजों के शरीर में एंटी-एन एंटीबॉडीज पाए गए हैं और इसलिए रिकवर होने के बाद उनके शरीर पर वायरस का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि आम खांसी और छीकें टी कोशिकाओं (T cells) को बढ़ाती हैं. ये कोशिकाएं ही शरीर में कई तरह के वायरस को पहचानने का काम करती हैं. कोरोना से खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप वैक्सीन की डोज और बूस्टर लगवाएं.’