झारखंड में लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तो तेज हो गई है और इसी बीच अब GANDEY BY-ELECTION को लेकर भी हलचल बढ़ गई है. 20 मई को गांडेय विधानसभा में चुनाव होंगे, इस चुनाव में मुख्य मुकाबला जेएमएम और भाजपा के बीच होने वाला है.
गांडेय विधानसभा सीट गिरिडीह जिले के अंतर्गत आती है और यह कोडरमा लोकसभा का हिस्सा है. सरफराज अहमद के इस्तीफे के बाद से यह सीट खाली पड़ी है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस सीट से पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं भाजपा ने इस बार गांडेय से दिलीप वर्मा पर दांव खेला है.
जेएमएम प्रत्याशी कल्पना सोरेन पहली बार चुनावी मैदान में है हालांकि शिबू सोरेन की बहु और हेमंत सोरेन की पत्नी होने के नाते उन्होंने राजनीति को काफी करीबी से देखा है. कल्पना सोरेन ओड़िशा की रहने वाली है कल्पना सोरेन ने बीटेक और एमबीए की डिग्री भी हासिल की है.
वहीं भाजपा प्रत्याशी दिलीप वर्मा छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय है 2015 में उन्होंने मुखिया का चुनाव जीता था. दिलीप वर्मा ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की है.
2019 के विधानसभा चुनाव में गांडेय सीट से झामुमो के सरफराज अहमद ने चुनाव जीता था ,हेमंत सोरेन के गिरफ्तारी के हलचल के बीच सरफराज अहमद को गांडेय सीट से इस्तीफा दिलाया गया और इस सीट को कल्पना सोरेन की राजनीतिक पारी की शुरुआत के लिए खाली कराया गया था.
गांडेय में 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर गौर करें तो यहां से चुनाव सरफराज अहमद ने 65 हजार 23 वोटों से जीत हासिल की थी.भाजपा ने गांडेय सीट पर 56 हजार 168 वोटों के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया था. भाजपा को 2019 के चुनाव में मात्र 8 हजार 855 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. इसी चुनाव में भाजपा के वर्तमान प्रत्याशी दिलीप वर्मा भी चुनावी मैदान में थे. दिलीप वर्मा ने 2019 में जेवीएम के टिकट से चुनाव लड़ा था मात्र 8952 वोटों के साथ छठे स्थान पर रहे थे.
गांडेय विधानसभा सीट की जातीय समीकरण को देखें तो यहां पर एसटी और मुस्लिम आबादी की बहुलता है. 20 प्रतिशत एसटी आबादी और 23 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है. गांडेय में ये दोनों जाति के लोग ही किसी भी प्रत्याशी का भविष्य तय करते हैं.
गांडेय विधानसभा सीट की इतिहास पर एक नजर डालें तो गांडेय में अब तक 10 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं जिसमें 5 बार झामुमो ने ही अपना परचम लहराया है.
1977 में गांडेय से लक्ष्मण स्वर्णकार ने जनता पार्टी से जीता था.
1980 के विधानसभा चुनाव में सरफराज अहमद ने कांग्रेस के टिकट से गांडेय जीता.
1985 में सालखन सोरेन झामुमो से जीते.
1990 में सालखन सोरेन ने झामुमो के टिकट से दूसरी बार जीत दर्ज की.
1995 में भाजपा ने गांडेय सीट पर अपनी पहली जीत दर्ज की .इस बार लक्ष्मण स्वर्णकार ने भाजपा की टिकट से जीता.
2000 और 2005 के विधानसभा चुनाव में सालखन सोरेन ने झामुमो की वापसी कराई . झामुमो ने लगातार गांडेय से दो बार जीत दर्ज की.
2009 में कांग्रेस की टिकट से एक बार फिर डॉ सरफराज अहमद जीते.
2014 में भाजपा ने दूसरी बार जीत दर्ज की गांडेय से जय प्रकाश वर्मा जीते.
2019 के चुनाव में झामुमो के डॉ सरफराज अहमद झामुमो के टिकट से जीते.
अब इस उपचुनाव में गांडेय की जनता किसे अपना विधायक बनाना चाहती है, जनसमर्थन कल्पना सोरेन को मिलेगा या गांडेय में भाजपा अपनी तीसरी जीत दर्ज करने में कामयाब होगी सबका फैसला 4 जून को ही होगा.