Khagaria में लोजपा लगाएगी जीत की हैट्रिक या इस बार जनता देगी CPI(M) को मौका, जानें क्या है सीट का प्रोफाइल

Khagaria में लोजपा लगाएगी जीत की हैट्रिक या इस बार जनता देगी CPI(M) को मौका, जानें क्या है सीट का प्रोफाइल

आज हम बात करेंगे बिहार की खगड़िया (Khagaria) लोकसभा सीट की.

खगड़िया लोकसभा सीट में वर्तमान में लोक जनशक्ति पार्टी यानी लोजपा का कब्जा है और पिछले 2 चुनावों से मेहबूब अली कैसर यहां से सांसद हैं और अब लोजपा से चिराग पासवान ने अपने करीबी राजेश वर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है.

Khagaria में 2024 का मुकाबला लोजपा और सीपीआई (एम) के बीच होगा. सीपीआई (एम) ने राजेश वर्मा के खिलाफ संजय कुमार को टिकट दिया है.

2019 के लोकसभा चुनाव में खगड़िया (Khagaria) लोकसभा से लोजपा और वीआईपी के बीच मुकाबला देखने को मिला था. लोजपा के मेहबूब अली कैसर ने वीआईपी प्रत्याशी मुकेश साहनी को 2 लाख 48 हजार 570 वोटों से शिकस्त दी थी. 2014 में भी इस सीट पर लोजपा ने ही अपना परचम लहराया था.

खगड़िया (Khagaria) लोकसभा लोजपा के लिए खास सीट मानी जाती है. लोजपा संयोजक और पूर्व सांसद रामविलास पासवान का पैतृक गांव शाहरबन्नी है जो खगड़िया लोकसभा के अंतर्गत ही आता है. रामविलास पासवान ने अपनी राजनीति की शुरुआत भी खगड़िया से ही की थी.

अब 2024 के चुनाव में लोजपा के लिए खगड़िया सीट बचाने की बड़ी चुनौती है.

खगड़िया (Khagaria) के वर्तमान राजनीतिक स्थिति की बात करें तो , खगड़िया लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं जिसमें सिमरी बख्तियारपुर, हसनपुर, अलौली, खगड़िया, बेलदौर और परबत्ता की सीटें शामिल हैं.

इन 6 विधानसभा की सीटों पर 3 पर राजद, 2 जदयू और 1 पर कांग्रेस का कब्जा है.

सिमरी बख्तियारपुर से राजद के यूसुफ सलाउद्दीन विधायक हैं. वहीं हसनपुर में राजद के तेज प्रताप यादव विधायक हैं. अलौली विधानसभा में भी राजद का दबदबा है और रामवृक्ष सदा यहां से विधायक हैं. खगड़िया (Khagaria) में कांग्रेस से छत्रपति यादव कांग्रेस के एकलौते विधायक हैं. बेलदौर से जदयू के पन्ना लाल पटेल और परबत्ता से संजीव कुमार भी जदयू विधायक हैं.

खगड़िया (Khagaria) लोकसभा सीट के इतिहास पर एख नजर डालें तो, खगड़िया में 1957 में चुनाव शुरु हुए,और पहले दो चुनावों में कांग्रेस ने अपना परचम लहराया.

1957 और 1962 में कांग्रेस से जियालाल मंडल लगातार दो बार सांसद बने.

1967 में यह सीट कांग्रेस के हाथों से निकल गई और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से कामेश्वर सिंह जीते.

1971 में भी खगड़िया संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के पास रही और शिव शंकर प्रसाद यादव ने यहां से जीत हासिल की.

1977 के चुनाव में जनता पार्टी से ज्ञानेश्वर प्रसाद यादव ने जीत हासिल की.

1980 में खगड़िया पर कांग्रेस ने कब्जा किया औक सतीश प्रसाद सिंह सांसद बने.

1984 में इस सीट पर एक बार फिर कांग्रेस ने अपना परचम लहराया औप चंद्रशेखर प्रसाद वर्मा जीते.

1989 में जनता दल से रामशरण यादव ने जीत हासिल की.

1991 में भी इस सीट पर जनता दल ने कब्जा किया और रामशरण यादव सांसद बने.

1996 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर जनता दल ने जीत की हैट्रिक लगाई और जनता दल के टिकट से अनिल कुमार यादव जीते.

1998 में समता पार्टी से शकुनी चौधरी ने जीत हासिल की. शकुनी चौधरी वर्तमान बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के पिता हैं.

1999 में रेनू कुशवाहा ने जदयू के टिकट से चुनाव लड़ा और जीता.

2004 के चुनाव में रवींद्र कुमार राणा ने खगड़िया में राजद को पहली जीत दिलाई.

2009 में जदयू ने वापसी की और दिनेश चंद्र यादव यहां से सांसद बने.

2014 में इस सीट पर लोजपा से मेहबूब अली कैसर जीते

2019 के चुनाव में इन्होंने अपनी जीत दुहारई और मेहबूब अली कैसर लोजपा से दूसरी बार सांसद बने.

अब 2024 में यह सीट एक बार फिर एनडीए गठबंधन में लोजपा की झोली में आई हैं लेकिन इस बार लोजपा ने राजेश वर्मा को टिकट दिया है. राजेश वर्मा भागलपुर के रहने वाले हैं और आसपास के जिले के चर्चित चेहरे हैं.

राजेश वर्मा भागलपुर से 2020 में लोजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. इसके सात ही वह भागलपुर के डिप्टी मेयर के पद पर भी रह चुके हैं. राजेश वर्मा पेशे से कारोबारी हैं, वो वह रियल स्टेट कंपनी के मालिक भी हैं.

खगड़िया (Khagaria) लोकसभा में राजेश वर्मा के खिलाफ मैदान में महागठबंधन की तरफ से सीपीआई (एम) ने संजय कुमार को उम्मीदवार बनाया है. संजय कुमार अपने छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हैं. संजय इंटर के छात्र रहते समय से ही छात्र आंदोलन में जुड़े थे. 1979 में उन्होंने छात्र आंदोलन से राजनीतिक संघर्ष आरंभ किया. 1984 में संजय सिंह ने कम्युनिष्ठ पार्टी ऑफ इंडिया माक्सवादी की सदस्यता ग्रहण की और बिहार में कई आंदोलन का नेतृत्व भी किया है.

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