Desk. बड़ी खबर सियासत से आ रही है। सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी का निधन हो गया है। वे 72 साल के थे। सीताराम येचुरी एक बड़े वामपंथी चेहरे के रूप में जाने जाते थे। आज नई दिल्ली के अखिल भारतीय संस्थान में निधन हो गया। वे श्वसन तंत्र के संक्रमण से पीड़ित थे।
सीताराम येचुरी का निधन
लगभग 50 साल पहले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एक छात्र नेता के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू करने वाले येचुरी 2015 में सीपीआई (एम) के प्रमुख बने। उनके कार्यकाल के दौरान पार्टी चुनाव पूर्व गठबंधन में शामिल हुई। पिछले साल पहली बार कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) का गठन किया। इसमें सीताराम येचुरी की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
सीपीआई (एम) के सिकुड़ते आधार के बावजूद येचुरी का राजनीतिक दबदबा विपक्षी खेमे में कायम रहा। 1970 के दशक में वह तब लाइम लाइट में आए, जब उन्होंने तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी को जेएनयू के एक कार्यक्रम में भाग लेने से रोका और उनकी उपस्थिति में उनके इस्तीफे की मांग को पढ़ा।
येचुरी ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ एक मजबूत रिश्ता बनाया, जिससे कुछ सीपीआई (एम) और कांग्रेस नेता नाराज हो गये थे। जब कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक संवाददाता सम्मेलन में येचुरी को “कांग्रेस के लिए सीपीआई (एम) महासचिव” करार दिया तो सोनिया गांधी ने येचुरी को परेशानी में डालने के लिए अपने सहयोगी को फटकार लगाई थी।