वाराणसी। महाशिवरात्रि पर महाकुंभ के समापन के लिए काशी विश्वनाथ धाम में अखाड़ों ने निकाली पेशवाई। महाशिवरात्रि पर महाकुंभ 2025 के दिन पर बुधवार की सुबह ही प्रयागराज से आए अखाड़ों ने पेशवाई निकाली। फिर काशी विश्वनाथ का अभिषेक किया।
काशी में महाशिवरात्रि पर अखाड़ों की पेशवाई के दौरान हर- हर महादेव के जयकारे से पूरा काशी विश्वनाथ धाम क्षेत्र गूंज उठा। महाशिवरात्रि पर हनुमान घाट, दशाश्वमेध घाट और राजघाट से बुधवार को अखाड़ों की पेशवाई निकली।
इस दौरान काशी में प्रयागराज महाकुंभ जैसा नजारा दिखा। गंगा घाटों से बाबा के धाम तक श्रद्धालुओं ने दिव्य और भव्य नजारे का दर्शन किया। महाशिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ को धर्मध्वजा अर्पित करने के लिए नागा साधु ब्रह्ममुहूर्त से ही तैयारियां शुरू कर दिए थे।
गंगा स्नान करने के बाद सुबह चार बजे राजघाट से अग्नि अखाड़े के साधु, आदिकेशव घाट से आनंद अखाड़े के नागा और सुबह छह बजे हनुमान घाट स्थित श्री शंभू पंचदशनाम जूना अखाड़े से नागा संन्यासी निकले।
गोदौलिया से निकली अखाड़ों की पेशवाई
घाटों से निकले अखाड़े गोदौलिया पर मिले। इसके बाद विश्वनाथ धाम के लिए रवाना हुए। सभी अखाड़े एक साथ गोदौलिया पर एकत्र हुए और वहां से बाबा विश्वनाथ के धाम के लिए रवाना हुए। पेशवाई में 12 रथ, घोड़े, डमरू दल के साथ बैंडबाजा भी शामिल रहा।
गोदौलिया पर पेशवाई देखने के लिए सुबह से हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे। दर्शन करने जा रहे नागा साधु करतब दिखाते हुए लोगों को आशीर्वाद देते हुए आगे बढ़ते रहे। कई नागा साधु लोगों को फूल, बेलपत्र, रुद्राक्ष देते रहे।
यह पहला मौका था, जब नागा साधु-संन्यासियों ने काशी विश्वनाथ धाम में गेट नंबर चार यानी ज्ञानवापी मार्ग से प्रवेश किया। हर-हर महादेव का जयकारा लगाते हुए नागा संन्यासियों की टोली विश्वनाथ धाम में पहुंची। इससे पहले नागा संन्यासियों को ढुंढिराज गणेश मार्ग से मंदिर परिसर में प्रवेश मिलता था।
नागा संन्यासियों ने बाबा दरबार में हाजिरी लगाई। इस दौरान महाकुंभ की पूर्णाहुति की गई। काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा कि महाशिवरात्रि के अवसर पर सभी पांच अखाड़ों ने महादेव की पूजा-अर्चना की और महाकुंभ की ‘पूर्णाहुति’ के लिए ‘अभिषेक’ किया।


अभिनेत्री रवीना टंडन, क्रिकेटर आरपी सिंह पहुंचे विश्वनाथधाम
महाशिवरात्रि पर अस्सी से दशाश्वमेध घाट तक हर ओर शंख, घंटा घड़ियाल और हर- हर महादेव की गूंज सुनाई देती रही। केदारेश्वर महादेव मंदिर में जाने वाली केदारघाट की सीढियां पूरी तरह से भर गईं। धाम में वीआईपी दर्शन पर पूरी तरह रोक लगाई गई है।
बावजूद इसके महाशिवरात्रि पर कई सेलिब्रिटी बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे। महाशिवरात्रि के अवसर पर भारतीय गेंदबाज आरपी सिंह ने भी बाबा विश्वनाथ का दर्शन किया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर तस्वीरें भी साझा की है।


महाशिवरात्रि के अवसर पर बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन ने काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन किया।अभिनेत्री रवीना टंडन बुधवार की भोर में काशी विश्वनाथ मंदिर में मंगला आरती के दौरान पहुंचीं। उन्होंने बाबा का दर्शन- पूजन किया। साथ ही उन्होंने पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल व अन्य अधिकारियों से बातचीत भी की। इस दौरान उनके साथ बेटी राशा थडानी व परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।


हर-हर महादेव का जयकारा लगाते पहुंची नागा संन्यासियों की टोली
महाकुंभ के समापन पर महाशिवरात्रि के दिन बुधवार को काशी में हनुमान घाट से बाबा के धाम तक श्रद्धालुओं ने दिव्य और भव्य नजारे का दर्शन किया। हर-हर महादेव का जयकारा लगाते हुए नागा संन्यासियों की टोली धाम में पहुंची।
काशी विश्वनाथ धाम में पुष्पवर्षा के साथ नागा संन्यासियों का स्वागत किया गया। इस दौरान सभी अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। नागा संन्यासियों के सात अखाड़ों ने महाशिवरात्रि पर अपने आराध्य बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया। आचार्य महामंडलेश्वर की अगुवाई में नागा साधु-संन्यासी बग्घी, घोड़े और वाहनों पर सवार होकर अखाड़ों से निकले।
गंगा की लहरों, काशी की गलियों में डमरू की निनाद और शंखनाद के साथ नागा संन्यासियों की पेशवाई निकली तो लोग हर- हर महादेव का जयकारे लगाते दिखे। महंत शंकर पुरी महाराज ने बताया कि यह पहला मौका है जब गेट नंबर चार से नागा संन्यासी काशी विश्वनाथ धाम में प्रवेश किया।


जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि, आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद गिरि, महानिर्वाणी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर विशोकानंद महाराज, सुमेरुपीठ के पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज राजसी यात्रा की अगुवाई में राजसी यात्रा (पेशवाई) निकाली गई।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने कहा कि सुबह सात बजे से अखाड़ों का प्रवेश मंदिर परिसर में होने लगा। इस दौरान हजारों नागा साधु-संन्यासी राजसी यात्रा में शामिल रहे।
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