डिजिटल डेस्क । CM Yogi : यूपी की जीडीपी में इस साल आएगा बड़ा उछाल। CM Yogi आदित्यनाथ ने महाकुंभ का उल्लेख करते हुए प्रदेश के शीर्ष अधिकारियों संग बैठक में इस वित्तीय वर्ष में यूपी की जीडीपी उछाल आने की उम्मीदों का जिक्र किया।
CM Yogi ने साफ कहा कि –‘…यूपी की जीडीपी में इस साल बड़ा उछाल आएगा। सभी संबंधित विभागों के जिम्मेदार अधिकारी इस लिहाज से महाकुम्भ के आर्थिक प्रभाव का वैज्ञानिक अध्ययन करें। …जीडीपी तैयार करते समय महाकुंभ से मिले आर्थिक उछाल का डेटा जरूर शामिल करें।’
CM Yogi आदित्यनाथ ने प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी (OTDE) बनाये जाने के लक्ष्य के लिए जारी प्रयासों और अब तक के परिणामों की समीक्षा करने के क्रम में ये बातें कही। विभागवार हुई इस समीक्षा में सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव गण की उपस्थिति रही।
विभागीय अधिकारियों ने बारी-बारी से अपने OTDE लक्ष्य के सापेक्ष अपने विभागों में हो रहे प्रयासों और अद्यतन प्रगति के बारे में CM Yogi को अवगत कराया और CM Yogi का मार्गदर्शन प्राप्त किया।
बैठक में CM Yogi ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट आवंटन और उसके सापेक्ष हुए व्यय की स्थिति की भी समीक्षा की। साथ ही, जनहित में जारी विभिन्न परियोजनाओं की मुख्यमंत्री डैशबोर्ड के आधार अद्यतन प्रगति पर भी विभागवार चर्चा की।
बजट के सापेक्ष खर्च संतोषजनक नहीं…
इसी विशेष बैठक में CM Yogi ने समीक्षा करते हुए कहा कि – ‘…वित्तीय वर्ष 2024-25 अब समाप्ति की ओर है। कुछ विभागों में आवंटन के सापेक्ष व्यय की स्थिति संतोषजनक नहीं है। संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव गण से इसमें तेजी की अपेक्षा है।
…मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव वित्त द्वारा इन विभागों की समीक्षा की जाए और स्थिति में सुधार के ठोस प्रयास किये जाएं। मिशन OTDE (वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी) की सफलता के लिए हर विभाग को अपनी भूमिका का निर्वहन करना होगा।
…अपने पोटेंशियल को पहचानें, नए आयामों को विस्तार दें। अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव स्तर पर विभागवार तय लक्ष्य की समीक्षा हर पखवारे में की जाए तथा मंत्री स्तर पर मासिक समीक्षा हो। समीक्षा बैठक में लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति, अपनाई गई रणनीति और प्रभावों के हर पहलू पर विचार किया जाए और बेहतरी के लिए कार्ययोजना बनाकर लागू करें।
…जनहित में जहां भी नीतिगत सुधार आवश्यक होगा, सरकार करने को तैयार है। नीतिगत जड़ता की स्थिति नहीं होनी चाहिए। जिस भी व्यवस्था से आम लोगों को सुविधा हो, नीतियों में बदलाव करें। रिफॉर्म करें। सरलीकरण करें।’


यूपी के सभी जिलों में होगा आंगनबाड़ी का अपना भवन
इसी क्रम में CM Yogi आदित्यनाथ ने अधिकारियों से आगे कहा कि – ‘…बचपन संवारने में आंगनबाड़ी केंद्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह आवश्यक है कि सभी जिलों में आंगनबाड़ी का अपना भवन हो, राज्य सरकार द्वारा इसके लिए हर तरह का सहयोग दिया जाएगा।
…इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही के लिए प्रस्ताव तैयार करें। निर्माणाधीन राज्य विश्वविद्यालयों के निर्माण कार्य की थर्ड पार्टी ऑडिट कराई जाए। गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए।
…सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अन्तर्गत सब्सिडी वितरण में और प्रगति लाए जाने की आवश्यकता है। प्रदेश के स्टार्ट-अप को चिन्हित कर उन्हें यूनिकार्न की श्रेणी में लाए जाने के लिए प्रयास किए जाएं।
…सप्ताहांत का उपयोग फील्ड विजिट के लिए किया जाना उचित होगा। फील्ड के अधिकारियों को अनावश्यक राज्य मुख्यालय न बुलाएं, बल्कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद करें।
…उत्तर प्रदेश के सभी शासकीय कार्मिकों को ‘मिशन कर्मयोगी’ से जोड़ा जाना है। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जाए। कार्मिकों के क्षमता संवर्धन में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इसकी मॉनीटरिंग की जाए।’


बोले CM Yogi – स्वास्थ्य सेक्टर में व्यापक सुधार की आवश्यकता
CM Yogi आदित्यनाथ ने आगे कहा कि – ‘…स्वास्थ्य सेक्टर से हर व्यक्ति प्रभावित होता है। इसमें व्यापक सुधार की आवश्यकता है। हर व्यक्ति को समय पर और कम खर्च में इलाज सुलभ हो सके, यही प्राथमिकता होनी चाहिए।
…मरीजों की सुविधा और डॉक्टरों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए नीतिगत सुधारों को आगे बढ़ाया जाए। सतत प्रयासों से आज प्रदेश में 80 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इन सभी का सुचारु संचालन हो।
…आम जन को सुलभ चिकित्सा सुविधा मिल सके, इसके लिए मेडिकल कॉलेजों की नियमित मॉनीटरिंग की जानी चाहिए। डॉक्टर की हर समय उपलब्धता हो, दवाओं की कमी न रहे।
…आयुष्मान भारत अथवा मुख्यमंत्री जन आरोग्य के अंतर्गत पंजीकृत किसी भी अस्पताल का बकाया न रखा जाए। यह सुनिश्चित करें कि आयुष्मान कार्ड धारक मरीज के इलाज के बाद अधिकतम 1 माह के भीतर नियमानुसार अस्पताल का भुगतान कर दिया जाना चाहिए।
…नए अस्पतालों को इम्पैनल करें। आवश्यकता अनुसार इम्पैनलमेंट नियमों को सरल बनाएं। व्यवहारिकता का ध्यान रखें।’
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