साहिबगंज पहुंचा दारोगा लालजी यादव का शव, आक्रोशित ग्रामीणों ने कर दिया…

साहिबगंज : पलामू के नावाबाजार के पूर्व थाना प्रभारी लालजी यादव का शव साहिबगंज पहुंच गया है. शव पहुंचने के बाद लोगों की आंखें नम हो गई. वहीं आक्रोशित ग्रामीणों ने रोड को जाम कर दिया और पलामू एसपी के विरोध में नारे लगाए. लोगों ने सड़क पर टायर जलाकर विरोध जताया.

इससे पहले राज्य के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर दारोगा लालजी यादव आत्महत्या मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने का आग्रह किया है. इसके साथ ही मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने इसकी एक प्रति राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को भी भेजा है.

मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने अपने पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि जिन परिस्थितियों में दारोगा लाल जी यादव ने आत्महत्या की है, उसको लेकर पलामू सहित पूरे राज्य में जनता इस घटना की अलग-अलग आकलन कर रही है. इसके कारण भ्रम की स्थिति हो गई है.

बता दें कि बुधवार की शाम लालजी यादव का शव पोस्टमार्टम के लिए रिम्स लाया गया था. लेकिन पलामू एसपी के द्वारा बिना डॉक्टर की टीम बनाए हुए ही पोस्टमार्टम कर दिए जाने के विरोध में उनके परिवार वालों के द्वारा फिर से पोस्टमार्टम करने की बात कही गई थी. उसके बाद परिजनों ने उनके शव को लेकर रांची लेकर आए. रांची आने के बाद पलामू एसपी के द्वारा लिखित नहीं दिए जाने की वजह से पोस्टमार्टम नहीं हो पाया. परिवार वाले द्वारा काफी हंगामा किए जाने के बाद परिवार वाले डेड बॉडी को लेकर वापस साहिबगंज चले गए.

11 जनवरी से ही लोग थाना प्रभारी को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं. वहीं एनएच-98 को जाम भी कर दिया था. आंदोलित लोगों में पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्‍हा के प्रति खूब गुस्‍सा था. उनके खिलाफ नारेबाजी तक की. 2012 बैच के दारोगा लालजी यादव की मौत के लिए पलामू एसपी को जिम्‍मेदार ठहराया.

निलंबन के चार दिन बाद दारोगा ने की आत्महत्या

पलामू जिले के नावाबाजार थाने के दारोगा लालजी यादव ने अपने सस्पेंशन के चार दिन बाद 10 जनवरी (सोमवार) की रात थाना परिसर में आत्महत्या कर ली. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस उपमहानिरीक्षक राजकुमार लकड़ा व एसपी चंदन सिन्हा थाने में पहुंचे और कारणों की जांच शुरू की. इधर, आस-पास के लोग थाने के बाहर जमा हो गए और सस्पेंशन ऑर्डर जारी करने वाले एसपी सिन्हा के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. लोगों ने घंटों सड़क जाम रखा. कमरे से सुसाइड नोट भी नहीं मिला है. मूल रूप से साहिबगंज के रहनेवाले लालजी अपने पीछे पत्नी पूजा, दो छोटे बच्चे छोड़ गए हैं.

क्यों हुआ था सस्पेंशन

5 जनवरी की रात पलामू के परिवहन पदाधिकारी अनवर हुसैन ने एसपी सिन्हा से शिकायत की थी कि जब्त वाहनों को नावाबाजार के थाना प्रभारी लालजी यादव नहीं ले रहे हैं. एसपी ने दारोगा लालजी को सहयोग का निर्देश दिया. फिर भी उन्होंने ऐसा नहीं किया. इसके बाद एसपी ने छह जनवरी को दारोगा लालजी को सस्पेंड कर दिया.

रिपोर्ट : रविकांत

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