करवा चौथ व्रत 2025 : सुहागिनों का पर्व करवा चौथ ,जानिये पूजन विधि और शुभ मुहूर्त
कल होने वाले सुहागिन महिलाओं का करवा चौथ व्रत को लेकर तैयारियां जोड़ों पर हैं। इसकों लेकर महिलायें आज से ही तैयारियों में जुट गई है । इस कथा को लेकर मान्यता है कि समुह में बैठ कर कथा सुनने से ही मनोंवांछित फल की प्राप्ति होती है ।
पति-पत्नी के बीच प्रेम, समर्पण और त्याग का प्रतीक है
सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए निर्जला उपवास रखती हैं । इस दिन पूरे विधि के साथ और नियमों का पालन करते हुए भगवान शिव और पार्वती का पूजन करती है । शाम में चंद्रोदय का इंतजार होता है और फिर चंद्र दर्शन और पूजन के बाद ही व्रत खोला जाता है । करवा चौथ केवल एक व्रत ही नही है बल्कि पति-पत्नी के बीच प्रेम, समर्पण, त्याग और पारिवारिक बंधन का प्रतीक है ।
साहुकार पुत्री की कहानी
इस व्रत को लेकर कई लोक कथायें प्रचलित है जिसका श्रवण महिलायें करती है । एक कथा में कहा गया है कि एक साहुकार था जिसके सात पुत्र और एक पुत्री थी । व्रत के दिन साहुकार की सभी बहुओं और बेटी ने व्रत रखा था । निर्जला व्रत के कारण भूख से व्याकुल बहन की हालत देख कर उसके भाईयों ने एक तरकीब लगाई । वो सभी शहर से बाहर जाकर एक पेड़ पर चढ़ कर अग्नि प्रज्वलित कर दी और घर आकर बहन से कहा,चन्द्रमा का दर्शन कर अपने व्रत को पूर्ण करो और भोजन ग्रहण कर लो । इसके कारण उसका व्रत खंडित हो गया और उसके पति का स्वास्थ्य खराब होने लगा । उसके ईलाज कराने में परिवार की आर्थिक स्थिति भी बहुत खराब हो गई ।
साहुकार की बेटी को जब पता चला कि उसका व्रत खंडित हो गया है तो उसे बड़ा पश्चाताप हुआ । उसने फिर से विधि-विधान से चतुर्थी का व्रत शुरू कर दिया । उसने व्रत के दौरान उपस्थित सभी लोगों का श्रद्धानुसार आदर किया और तदुपरांत उनसे आशीर्वाद ग्रहण किया। इस प्रकार उस लड़की के श्रद्धा भाव को देखकर भगवान गणेश जी उसपर प्रसन्न हुए और उसके पति को उन्होंने जीवनदान प्रदान किया । उसे सभी प्रकार के रोगों से मुक्त करके धन, संपत्ति और वैभव से युक्त कर दिया ।
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करवा चौथ व्रत का मुहूर्त और विधि…
व्रत का मुहूर्त सुबह 6.19 बजे से लेकर रात्रि के 8.13 बजे तक है । कुल 14 घंटे तक महिलायें निर्जला रह कर छलनी से चन्द्र दर्शन कर पति का दीदार करेंगी और उनके हाथों जल ग्रहण कर व्रत का पारण करेंगी ।
करवा चौथ के दिन किस चीज की खरीददारी करनी चाहिये ।
इन खास चीजों की खऱीददारी अत्यंत शुभ माना गाया है
वास्तु के अनुसार इन खास चीजों की खऱीददारी अत्यंत शुभ माना गाया है । जिसमें लाल-पीले वस्त्र, श्रृंगार समाग्री, स्वर्ण आभूषण और छलनी आदि प्रमुख हैं । महिलाओं द्वारा लाल या पीले रंग के कपड़ों की खरीदगी शुभ माना गया है । हिन्दू धर्म में लाल रंग सुख और सौभाग्य का प्रतीक माना गया है ।
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