चैनपुर (कैमूर) : कैमूर जिले के चैनपुर विधानसभा क्षेत्र से एक चौंकाने वाली रिपोर्ट लेकर आई है। चैनपुर विधानसभा में चुनावी सरगर्मी तेज है। वहीं दूसरी ओर मंत्री जमा खान के फंड से लगा चापाकल खुद गायब है। जी हां बोर्ड लग गया, बोरिंग भी हो गई, लेकिन चापाकल आज तक नहीं लगाया गया। मामला चैनपुर प्रखंड के उदयरामपुर गांव के सिवाना इलाके का है। यहां मुख्यमंत्री ग्रामीण विकास योजना के तहत मंत्री जमा खान के फंड से एक लाख रुपए की लागत से चापाकल लगाने की योजना पास हुई थी।
लेकिन आज तक गांव के लोगों को पानी की एक बूंद भी नसीब नहीं हुई।
यह वहीं जगह है जहां एक महीने पहले डीप बोरिंग हुई। शिलापट्ट लग गया, लेकिन चापाकल आज तक नहीं लगाया गया। अब ग्रामीण पूछ रहे हैं कि जब एक लाख की निकासी हो गई तो चापाकल कहां गया?

चैनपुर विधानसभा : सिर्फ बोर्ड लगाकर सरकारी पैसे की निकासी कर ली गई – ग्रामीण चौधरी सिंह और बिपतु राय
ग्रामीण चौधरी सिंह और बिपतु राय बताते हैं कि यहां सिर्फ बोर्ड लगाकर सरकारी पैसे की निकासी कर ली गई। लेकिन हमें आज तक पानी नहीं मिला। यह इलाका पहाड़ी क्षेत्र में आता है। जहां मार्च-अप्रैल के बाद पानी की भारी किल्लत रहती है। लोग कई किलोमीटर दूर पानी के लिए भटकते हैं। फिर भी सरकारी योजनाएं केवल कागज पर ही पूरी दिखाई देती हैं।
चापाकल गांव या सड़क किनारे लग जाता तो लोगों और राहगीरों दोनों को राहत मिलती – ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि अगर यह चापाकल गांव या सड़क किनारे लग जाता तो लोगों और राहगीरों दोनों को राहत मिलती। लेकिन अब ये योजना ‘बोर्ड टू बोरिंग’ तक सिमट गई है। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या चैनपुर विधानसभा में सरकारी योजनाएं सिर्फ पोस्टर और बोर्ड तक सीमित रह गई हैं? क्या इस चापाकल की जांच होगी या मामला यूं ही ठंडे बस्ते में जाएगा? सरकार और प्रशासन को अब जवाब देना होगा। एक लाख का चापाकल आखिर कहां गया?
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ओम प्रकाश तिवारी की रिपोर्ट
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