अभी बंगाल जेल में बंद हैं अधिवक्ता
रांची : अधिवक्ता राजीव कुमार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. ईडी ने कोलकाता कैश कांड में
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मनी लाउंड्रिंग के आरोप में राजीव पर गुरुवार को केस दर्ज कर लिया.
ईडी ने उनके मुवक्किल शिव शंकर शर्मा को भी आरोपी बनाया है.
ईडी कोर्ट में होगी पेशी
केस दर्ज होने के बाद अब राजीव के जेल से निकलने की राह में मनी लाउंड्रिंग केस
बड़ा रोड़ा बन गया है. अब आरोपी राजीव को ईडी की रांची कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश किया जाएगा. कोर्ट ने केस दर्ज होने के बाद आरोपी की उपस्थिति आज (12 अगस्त) निर्धारित की है. अब उन्हें ईडी कोर्ट में पेश की जिम्मा बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार के जेल अधीक्षक पर है. बता दें कि कारोबारी अमित अग्रवाल ने राजीव कुमार के खिलाफ 50 लाख नकदी बरामदगी मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी है.
इन धारा के तहत मामला दर्ज
झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार एवं उनके मुवक्किल पर ईडी ने मनी लाउंड्रिंग के साथ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 7ए (अपने व्यक्तिगत प्रभाव का प्रयोग करके किसी अन्य व्यक्ति से अपने लिए या किसी अन्य व्यक्ति के लिए कोई अनुचित लाभ स्वीकार करना) भादवि की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) एवं 384 (जबरदस्ती वसूली) केस दर्ज किया है. गौरतलब है कि ईडी अधिकांश केस प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत ही दर्ज करता है. लेकिन राजीव कुमार के मामले में ऐसा नहीं है. उनपर मनी लाउंड्रिंग के साथ, पीसी एक्ट एवं आईपीसी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.
बंगाल पुलिस ने जल्दबाजी में की ट्रैपिंग, जजमेंट में जिक्र
राजीव कुमार की पेशी कर गिरफ्तार करने के मामले में कोलकाता की स्थानीय अदालत ने सवाल उठाए हैं. मामले में कोर्ट में उनकी जमानत के लिए जो याचिका दायर हुई थी, उसमें गिरफ्तारी पर कई गंभीर सवाल किए हैं. जजमेंट में जिक्र है कि कोर्ट के समक्ष पेश किए गए दस्तावेज व ट्रैपिंग की प्रक्रिया देखकर यह प्रतीत होता है कि सारी चीजें जल्दबाजी में की गई हैं. ट्रैपिंग को जल्दबाजी में किया बता कोर्ट ने बंगाल पुलिस पर सवाल खड़ा कर दिया है. हालांकि कोर्ट ने जजमेंट में यह भी कहा है कि आरोपी अधिवक्ता के पास से 50 लाख की बरामदगी को लेकर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया है.