मात्र 103 मीटर से चुकी अस्मिता, हार नहीं मानी है रार नया ठानेगी

Jamshedpur: टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (टीएसएएफ) की सीनियर इंस्ट्रक्टर 38 वर्षीय अस्मिता दोरजी बगैर किसी सप्लीमेंट्री ऑक्सीजन के एवरेस्ट की  चोटी पर भारतीय झंडा फहराने से मात्र 103 मीटर से चुक गयी.

8848 मीटर की उंचाई वाले एवरेस्ट से मात्र 103 फीट पीछे (8745 मीटर) पर अस्मिता की आंखों के सामने अंधेरा छा गया. इस प्रकार वह चोटी फतह करते करते रह गयी.

लेकिन अस्मिता ने हार नहीं मानी है, उसके जज्बे में कोई कमी नहीं आयी है. हौसले बरकरार है. एक बार फिर से बैगर ऑक्सिजन के एवरेस्ट फतह करने की तैयारी में जुट गयी है.

 बता दें कि अस्मिता दोरजी ने तीन अप्रैल को नेपाल के लुकला एवरेस्ट कैंप के लिए अपनी यात्रा की शुरुआत की थी. विंडो ओपन होते ही 11लोगों की टीम के अपनी यात्रा पर निकल पड़ी. दुनिया की सबसे ऊंची चोटी  उसके ठीक सामने खड़ी थी. लेकिन इस बीच उसकी आंखों के सामने अंधेरा छा गया.

दुनियां की सबसे उंची चोटी से 100 मीटर पहले आंखों पर छाया अंधेरा. आखिरकार चोटी से मात्र 100 मीटर पहले यात्रा पर विराम लगानी पड़ी.

 टीएसएफ के चेयरमैन चानक्य चौधरी ने अस्मिता की इस एचिवमेंट की तारीफ करते हुए कहा कि अस्मिता ने बिना सप्लीमेंट्री आक्सीजन के इतनी उंचाई को फतह कर लिया.  यह बड़ी बात है. वे पल-पल की खबर नजर रखी जा रही थी. पहले यह निर्णय हुआ कि अक्सीजन की सप्लाई देकर आगे यात्रा को पूरा किया जाए. लेकिन यह निर्णय फिर वापस ले लिया गया. अगली बार फिर से बिना सप्लीमेंट्री आक्सीजन चोटी को फतह किया जाएगा.

रिपोर्ट-लालाजबीं

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