सुनील तिवारी पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को बाबूलाल मरांडी ने बताया राजनीतिक साजिश

रांचीः बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने अपने सलाहकार सुनील तिवारी पर अरगोड़ा थाने में यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किये पर पूरे मामले की जांच सीबीआई या किसी सिटिंग जज से करवाने की की मांग की है। बाबूलाल मरांडी ने कहा मामला 2020 का मार्च से सितंबर का बताया जा रहा। इतने दिनों तक पुलिस ने इस मामले में कुछ क्यों नहीं किया? 15 अगस्त को जब देश आजादी का जश्न मना रहा था, तब बच्ची को परिवार सहित रात को उठाकर लाया गया और अभी भी बच्ची को आश्रय गृह में रखा गया है। पुलिस सरकार का टुल्स बनकर काम कर रही है।

2020 में मुंबई की एक लड़की ने जब हेमन्त सोरेन पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। हमने मुंबई पुलिस के वरीय अधिकारी को पत्र लिखकर आरोपों की जांच की मांग की थी। तब तो सीबीआई से मामले की जांच करवाने की मांग की गयी थी। आज भी वह मामला मुंबई अदालत में लंबित है। हमने उस समय सुनील तिवारी को कहा था कि मामला गंभीर है, इसलिए मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाईए। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के करीबी तब से ही सुनील तिवारी के पीछे लगे है।  कल राज्यपाल से मिलकर पूरे मामले की जानकारी देगें।

वहीं बाबूलाल मरांडी के आरोपों का जवाब देते हुए झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि  बाबूलाल भाजपा नेताओं के कुकृत्यों का बचाव कर रहे हैं। पुलिस पीड़िता के आरोपों की जांच कर रही है। बाबूलाल को आदिवासी युवतियों के शोषण मामले में ईमानदारी से ब्यान देना चाहिए। झामुमो के पास बाबूलाल की कई व्यक्तिगत जानकारियां हैं, जिसे अगर सार्वजनिक किया जाए तो उनका जीवन बिखर जाएगा। झामुमो राजनीति में शूचिता को अहम स्थान देती है। इस मामले को हेमंत सोरेन पर लगे कथित आरोप के साथ जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।

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