Ranchi : झारखंड में संवैधानिक संस्थाओं की बदहाली और शासन व्यवस्था में कथित गिरावट को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक बार फिर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को प्रेस वार्ता में कहा कि राज्य में संवैधानिक संस्थाएं सिर्फ नाम की रह गई हैं, और सरकार जानबूझकर उन्हें निष्क्रिय बनाए हुए है ताकि भ्रष्टाचार और गलत कामों पर पर्दा डाला जा सके।
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पिछले पांच वर्षों से लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं
मरांडी ने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार पिछले पांच वर्षों से लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं कर रही है, जो कि राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायतों की जांच करने वाली सबसे बड़ी संस्था है। “जब लोकायुक्त ही नहीं रहेगा तो कौन करेगा बड़े घोटालों की जांच? ये तो सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है,” उन्होंने कहा।
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उन्होंने यह भी बताया कि सूचना आयोग, महिला आयोग, उपभोक्ता फोरम जैसे महत्वपूर्ण निकायों में या तो अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई है या पूरी संस्था ही निष्क्रिय पड़ी है। कई जिलों में उपभोक्ता फोरम कार्य नहीं कर रहा है, जिससे आम जनता को न्याय मिलने में देरी हो रही है।
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Breaking : सरकार ने जानबूझकर संस्थाओं को पंगु बना दिया है
बाबूलाल मरांडी ने कहा, “झारखंड में किसी भी संवैधानिक संस्था के पास अधिकार नहीं रह गया है। कोई ‘बड़ी मछली’ अगर किसी घोटाले में शामिल हो, तो उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, क्योंकि संस्थाएं ही निष्क्रिय हैं। सरकार ने जानबूझकर इन संस्थाओं को पंगु बना दिया है।”
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उन्होंने अपनी सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि राज्य में नेताओं पर हमले की आशंका बनी रहती है। “मैं जब बाहर निकलता हूं, तो मुझे डर लगता है कि कहीं भीड़ हमला न कर दे। उन्होंने राज्य सरकार से पूछा अगर मेरे साथ कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।
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बाबूलाल ने की खाली पदों पर नियुक्ति की मांग
प्रेस वार्ता में बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार से तत्काल सभी आयोगों और संवैधानिक संस्थाओं को पुनः सक्रिय करने और खाली पदों पर नियुक्ति की मांग की। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से यह स्पष्टीकरण भी मांगा कि अनुराग गुप्ता जैसे अधिकारी को कैसे संवेदनशील पदों पर नियुक्त किया गया।
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बाबूलाल मरांडी का यह बयान ऐसे समय आया है जब राज्य में शासन व्यवस्था को लेकर लगातार विपक्ष सवाल उठा रहा है। उन्होंने कहा, “राज्य की व्यवस्था लोकतांत्रिक नहीं रही। ये जनता के साथ अन्याय है। सरकार को जवाब देना होगा।”
अमित कुमार झा की रिपोर्ट–
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