Wednesday, July 16, 2025

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बदहाल सड़कें बन रही शादी में बाधा! यहां विवाह के लिए बाट जोह रहे युवक

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Desk. बदहाल सड़कें बन रही शादी में बाधा!- उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले का एक गांव इन दिनों चर्चा का केंद्र बन गया है, लेकिन वजह कोई आम नहीं बल्कि बेहद अनोखी है। दरअसल, करहल विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले खुशाली गांव में सड़क की बदहाली अब युवाओं की शादी में रुकावट बन गई है। गांव में 100 से अधिक शादी योग्य युवक अब तक अविवाहित हैं और रिश्ते तक नहीं आ रहे, क्योंकि इस गांव तक पहुंचने का रास्ता इतना खस्ताहाल है कि लोग आना ही नहीं चाहते।

गांव का रास्ता या कीचड़ से भरा दलदल?

जानकारी के अनुसार, घिरोर थाना क्षेत्र में स्थित खुशाली गांव तक जाने वाली सड़क की हालत इतनी खराब है कि बरसात में यह दलदल में बदल जाती है। सड़कों पर गड्ढे इतने हैं कि यह तय करना मुश्किल होता है कि गड्ढे में सड़क है या सड़क में गड्ढे। कीचड़ और पानी से लबालब इस रास्ते पर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है, वाहन चलाना तो दूर की बात है।

शादी में रोड़ा बन रही सड़कें

बताया जा रहा है कि गांव के अविवाहित युवकों को शादी के लिए रिश्ते तक नहीं मिल रहे। लड़कियों के परिवार इस गांव में रिश्ता करने से कतराते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसे गांव में लड़की की जिंदगी नरक बन जाएगी। ग्रामीणों का कहना है कि शादी की उम्र निकल रही है, लेकिन दुल्हन मिलना तो दूर, कोई रिश्ता तक लेकर नहीं आ रहा।

राजनीतिक उपेक्षा पर नाराजगी

यह वही करहल विधानसभा है, जहां से सपा प्रमुख अखिलेश यादव विधायक रह चुके हैं। समाजवादी पार्टी का गढ़ माने जाने वाले इस यादव बाहुल्य गांव ने हमेशा साइकिल (सपा का चुनाव चिह्न) को वोट दिया है, चाहे लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव। इसके बावजूद, आज तक इस गांव की कोई सुध नहीं ली गई।

स्कूल भी हुआ दूर, बच्चों की पढ़ाई प्रभावित

गांव में स्थित एकमात्र सरकारी स्कूल को बच्चों की संख्या कम होने के कारण तीन किलोमीटर दूर मर्ज कर दिया गया है। अब अभिभावक अपने बच्चों को इतनी खराब सड़क से स्कूल भेजने को तैयार नहीं हैं। इसके खिलाफ भी ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया, लेकिन सरकारी तंत्र और जनप्रतिनिधियों ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

प्रदर्शन और गुहार का कोई असर नहीं

बताया जा रहा है कि ग्रामीण कई बार धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं और प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से सड़क बनवाने की मांग कर चुके हैं। लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिला, और हालत जस की तस बनी रही।