डिजीटल डेस्क : Breaking – नहीं रहे इंदिरा गांधी के लिए प्लेन हाईजैक करने वाले EX-MLA भोला नाथ पांडेय। कांग्रेस के वयोवृद्ध कांग्रेस नेता एवं EX-MLA भोलानाथ पांडेय का शुक्रवार को निधन हो गया । उनका पार्थिव शरीर अन्तिम दर्शन के लिए उनके लखनऊ के गोमती नगर के विशाल खंड वाले आवास में रखा गया है। अन्त्येष्टि शनिवार सुबह भैंसा कुंड में की जाएगी।
भारतीय सियासत में आजादी के आंदोलन के समय से ही यूपी के जिस जिले को बागी बलिया कहकर संबोधित किया जाता रहा है, भोला नाथ पांडेय ने बलिया के उसी खूबी को आत्मसात कर सियासत में मजबूती से कदम रखा था।
उन्होने अपनी नेत्री EX PM की रिहाई करवाने के लिए हवाई जहाज को ही अपने साथी देवेंद्र पांडेय के साथ मिलकर हाईजैक कर लिया था। वाराणसी में उस हाईजैकिंग की घटना का पटाक्षेप जरूर हुआ लेकिन उसके बाद कांग्रेस नेत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट दिया तो वह बलिया के दोआबा क्षेत्र से दो बार जीत कर विधानसभा पहुंचे।
वर्ष 1978 में लखनऊ से दिल्ली को उड़े यात्री विमान को किया था हाईजैक
भोलानाथ पांडेय तब युवावस्था में थे। जिस घटना से वह रातोंरात अपने साथी देवेंद्र पांडेय संग सुर्खियों में आ गए, वह वर्ष 1978 में घटना था। तब भोलानाथ पांडेय ने अपने साथी देवेंद्र पांडेय के साथ मिलकर हवाई जहाज सिर्फ इसलिए हाईजैक कर लिया था कि उन्हें अपनी नेत्री पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को बिना शर्त पुलिस हिरासत से रिहा करवाना था।
प्लेन हाईजैकिंग के दौरान उन्होंने यही मांग भी की थी। बता दें कि आपातकाल की घटना के बाद इंदिरा गांधी की सरकार चली गई थी। जनता पार्टी की सरकार बनी तो मोरार जी देसाई प्रधानमंत्री और चौधरी चरण सिंह गृहमंत्री बने थे।
वर्ष1977 में उनके आदेश पर पूर्व प्रधानमंत्री को इंदिरा गांधी को अक्टूबर में गिरफ्तार कर लिया गया था। उसी के बाद इन दो युवकों ने इस पूरी घटना को अंजाम दिया तो रातों रात न केवल सुर्खियों में आए बल्कि अपनी नेत्री इंदिरा गांधी और उनके छोटे बेटे संजय गांधी के काफी खास बन गए। ऐसे खास बने कि इन्हें सक्रिय सियासत में उतार दिया।
खिलौना वाले पिस्टल से दोनों EX-MLA ने किया था प्लेन हाईजैक
कांग्रेस में अखिल भारतीय स्तर की सांगठनिक सियासत करने वाले वाराणसी निवासी कमलाकर त्रिपाठी बताते हैं कि तब कांग्रेस नेता EX PM इंदिरा गांधी की रिहाई की मांग के लिए भोला नाथ पांडेय और देवेंद्र पांडेय प्लेन हाईजैकिंग की पूरी योजना अपने स्तर पर बनाई।
उन्होंने जिस पिस्टल और बम के दम पर हवाई जहाज को हाईजैक किया गया था, वो वह बच्चों के खेलने का खिलौना थे। लखनऊ एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए 20 दिसंबर 1978 को आईसी-410 ने उड़ान भरी। कुछ देर बाद भोलानाथ और देवेंद्र जबरन कॉकपिट में घुस गए और पायलट पर पिस्टल तान दी।
तब भोलानाथ पांडेय की उम्र महज 27 साथ थी और साथी देवेंद्र पांडेय की उम्र करीब 28 साल थी।
पायलट से दोनों ने प्लेन को नेपाल की ओर ले जाने को कहा तो पायलट ने कहा कि जहाज में इतना ईंधन नहीं कि प्लेन नेपाल पहुंच सके। उसके बाद दोनों ने प्लेन को बांग्लादेश ले चलने को कहा।
कहासुनी के बाद दोनों वाराणसी में हवाई जहाज को लैंड करने पर राजी हो गए तो हाईजैक हो चुके विमान को पॉयलट ने वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट पर उतारा।
हाईजैकिंग के बाद इनसे वार्ता को तत्कालीन सीएम पहुंचे थे वाराणसी
बकौल वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलाकर त्रिपाठी, तब हाईजैक हुए प्लेन की लैडिंग तय होने पर पायलट ने जब उसका रुख वाराणसी की ओर किया तो ये दोनों युवा हाईजैकर यात्रियों के बीच पहुंचे और EX PM इंदिरा गांधी के लिए नारे लगाए – इंदिरा गांधी जिंदाबाद और संजय गांधी जिदाबांद।
इसके साथ ही उन्होंने तत्कालीन यूपी के सीएम राम नरेश यादव से बात करवाने की मांग रख दी। तत्काल प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई के कहने पर यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री राम नरेश यादव वाराणसी पहुंचे। मुख्यमंत्री के समत्र अपहरणकर्ताओं ने चार मांगे रखीं थीं।
उनमें पहली शर्त थी कि इंदिरा गांधी को बिना शर्त जेल से रिहा किया जाए। साथ ही सीएम राम नरेश यादव को वार्ता के लिए प्लेन में आने की बात कही। उस पर सीएम राम नरेश यादव ने पहले विदेशी यात्रियों और महिला यात्रियों को रिहा करने की बात कही। रातभर वार्ता चलती रही थीलेकिन कोई हल नहीं निकला।
सीएम से बात नहीं बनी लेकिन यात्रियों की हालत पर रहम करते ही गिरफ्तार हुए थे दोनों
वाराणसी एयरपोर्ट पर लैडिंग के बाद सीएम से रातभर चली वार्ता के बेनतीजा रहने पर अगली सुबह हाईजैक प्लेन में यात्रियों को घुटन होने लगी। उनकी मांग पर अपहरणकर्ताओं ने हवाई जहाज के पिछले हिस्से को खोलने की इजाजत दी। उस पर कैप्टन ने इंरजेंसी गेट खोल दिया।
गेट खुलते ही आधे से ज्यादा यात्री फौरन प्लेन से भाग गए। सूचना पाकर अपहरणकर्ताओं के पिता वाराणसी पहुंचे और बेटों से वायरलेस पर बात की। पिता से बात करने के बाद अपहरणकर्ता पुलिस के साथ प्लेन से बाहर आ गए।
जब पुलिस ने उनको गिरफ्तार किया तो पुलिस हैरान थी क्योंकि उनके पास खिलौने वाली पिस्टल और क्रिकेट बॉल थी। दो साल बाद वर्ष1980 में इंदिरा गांधी जब फिर सत्ता में आईं तो इन दोनों युवाओं को विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया और दोनों ही जीतकर विधानसभा पहुंचे। भोलानाथ पांडेय बलिया के दोआबा क्षेत्र से दो बार विधायक चुने गए थे।