डिजीटल डेस्क : Breaking – सीबीआई को मिली R G Kar Hospital में भ्रष्टाचार की जांच भी, ममता सरकार को तगड़ा झटका । कोलकाता निर्भया कांड के बाद से लगातार सुर्खियों में बने आरजी कर अस्पताल को लेकर पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ ममता बनर्जी सरकार को लगातार झटके लग रहे हैं।
इसी क्रम में शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने R G Kar Hospital में हुए भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितताओं की भी जांच सीबीआई को ही सौंपने का फैसला सुनाया। ममता बनर्जी सरकार को हाईकोर्ट ने दो टूक लहजे में कहा कि शनिवार सुबह साढ़े 10 बजे तक R G Kar Hospital के भ्रष्टाचार की जांच कर रही एसआईटी (स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम ) केस से जुड़े सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंप दे।
इस बीच R G Kar Hospital में मेडिकल छात्रा के रेप और मर्डर के मामले में गिरफ्तार सिविक वालंटियर संजय रॉय को सियालदह एसीजेएम की अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का फैसला सुनाया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, सियालदह एसीजेएम ने आरोपी संजय रॉय के पॉलीग्राफ टेस्ट के मांगी गई अनुमति सीबीआई को प्रदान कर दी है।
डॉ. संदीप के एक हजार पन्ने वाले काले चिट्ठे की सीबीआई को लग चुकी है भनक !
इसी बीच एक साल पहले इसी आरजी कर अस्पताल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट की ओर से पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य विभाग को सुपुर्द किए गए एक हजार पेजों वाले दस्तावेज की चर्चा काफी जोरों पर है। बताया जा रहा है कि कहीं न कहीं उसकी भनक सीबीआई को भी लगी है या उस दस्तावेज में दर्ज ब्योरे सीबीआई को हाथ लग चुके हैं और उसी कारण पूर्व प्रिंसिपल से जारी पूछताछ तनिक लंबी खिंच गई है।
बताया जाता है कि उसी दस्तावेज में एक स्थान पर सीधे तौर पर डॉ. संदीप घोष के बारे में खुलकर लिखा है कि वह R G Kar Hospital में में गुंडों का एक गैंग संचालित करते हैं जो बड़े स्तर पर कटमनी के धंधे वाला भ्रष्टाचार करने के साथ ही जबरन वसूली का भी अवैध धंधा चला रहा है।
इसी क्रम में यह भी बात सामने आई है कि पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार में इतनी रसूख वाला हो गया था कि अलग-अलग कारणों से 3 बार जारी हुआ अपना ट्रांसफर आदेश रुकवा दिया था। आरजी कर परिसर के साथ ही स्वास्थ्य विभाग में भी उसकी तूती बोलती थी।
उसके रसूख का आलम यह था कि उसकी जुबान से निकली बात ही आरजी कर परिसर में कानून माना जाता था और उसकी बात को टालने का कोई हिम्मत नहीं जुटाता था।
राज्य सरकार की एसआईटी के डॉ. संदीप के खिलाफ शुरू जांच पर उठी उंगली
मेडिकल छात्रा के घटी घटना के उजागर होने और तूल पकड़ने के कई दिनों बाद जब पूरा मामला हाथों से बाहर निकल गया तब जाकर डॉ.संदीप घोष के खिलाफ आर्थिक मामलों की जांच के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया गया।
आरोप लग रहे हैं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी सरकार और संगठन की साख बचाने को डॉ. संदीप से जुड़े कई तथ्यों को गोलमोल कर उसके खिलाफ कार्रवाई का ढोंग कर रही हैं। हालांकि इस बारे में न तो सत्ता पक्ष और ना ही विपक्ष के लोग ही खुलकर अधिकृत तौर पर कुछ कह रहे हैं।
सभी को सुप्रीम कोर्ट में गुरूवार को पेश होने वाली सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट पर है। इस बीच एसोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विस डॉक्टर्स वेस्ट बंगाल (एएचएसडीडब्ल्यूबी) के महासचिव और ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. उत्पल बंधोपाध्याय ने इस बारे मं बताया है कि एक साल पहले आरजी कर अस्पताल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ने एक हजार पेजों का एक दस्तावेज स्वास्थ्य विभाग को जमा किया था।
उसी दस्तावेज में आरोप था कि R G Kar Hospital में गुंडों का एक गैंग है जो बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार कर रहा है और जबरन वसूली का धंधा चला रहा है। उसी दस्तावेज में लिखा था कि यह गिरोह पार्किंग वालों से वसूली करता है और आसपास दुकानों से जबरन वसूली करता है।
अस्पताल के कचरे में भ्रष्टाचार होता है। दवाओं की खरीद-फरोख्त में जबरन वसूली की जाती है। अस्पताल में गुंडा गैंग का राज चलता था। अस्पताल का कोई भी व्यक्ति इनके डर से मुंह नहीं खोल पाता था।
R G Kar Hospital : केवल आरजी कर नहीं पूरे बंगाल में डॉ. संदीप के गैंग का चलता था सिक्का !
डॉ. उत्पल बंध्योपाध्याय ने बताया कि आरजी कर गुंडा गैंग पर आरोप है कि वे तय करते थे कि किस विद्यार्थी को पास करना है और किसे फेल करना है। इसके बाद गैंग के सदस्य पैसे लेकर फेल को पास करते थे। अगर इसमें कोई सीनियर डॉक्टर उनकी बात नहीं मानता था तो पहले उसे धमकाया जाता और फिर उसको दूर-दराज के क्षेत्र में ट्रांसफर करने की धमकी दी जाती।
फिर फेल विद्यार्थी को पास करने के लिए गिरोह के सदस्य पैसे लेते थे। ऐसा माहौल आरजी कर अस्पताल में पिछले कुछ वर्षों से जारी है। डॉ. संदीप घोष के कार्यकाल में यह तेजी से फला-फूला। डॉ. बंदोपाध्याय ने कहा कि आरजी कर कॉलेज में जो यह घटना घटी है, वह इस कॉलेज के लिए कोई अनोखी घटना नहीं है।
गुंडों का गैंग जो कुछ आज तक वहां करता आ रहा था, यह उसका नतीजा है। यही नहीं, गैंग केवल आरजी कर मेडिकल कॉलेज तक ही सीमित नहीं है। गैंग पर आरोप है कि इसके भ्रष्टाचार और जबरन वसूली का दायरा पूरे प्रदेश में है।
गैंग पर पश्चिम बंगाल के सारे मेडिकल कॉलेज, प्राइवेट अस्पताल, मेडिकल काउंसिल, पश्चिम बंगाल मेडिकल रेगुलेटिरी कमीशन समेत सभी प्रतिष्ठानों में भ्रष्टाचार करने, दादागिरी करने और जबरन वसूली का आरोप है। परीक्षा को लेकर भ्रष्टाचार करने का आरोप भी गैंग पर बार-बार लगा है।
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