डिजीटल डेस्क : Breaking – कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन शुरू। बीते 9 अगस्त को RG Kar मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मेडिकल छात्रा के रेप और मर्डर का मामले के बाद से आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार रात 9 बजे से आमरण अनशन शुरू कर दिया।
धर्मतल्ला में मेट्रो चैनल के पास बनाए गए अस्थायी टेंट में जुटे जूनियर डॉक्टरों में से 6 डॉक्टर आमरण अनशन पर हैं जबकि बाकी उनके समर्थन में है।
अनशन करने वालों में कोई भी जूनियर डॉक्टर RG Kar मेडिकल कॉलेज अस्पताल से जुड़ा हुआ नहीं है। अनशन पर बैठे डॉक्टरों ने कहा कि मांगे पूरी न होने तक यह अनशन जारी रहेगा और उन्हें इस दौरान कुछ भी होता हो तो उसकी पूरी जिम्मेवारी राज्य सरकार की होगी।
आमरण अनशन पर बैठे जूनियर डॉक्टरों ने कहीं ये बातें…
शनिवार रात आमरण अनशन पर बैठे जूनियर डॉक्टरों में धरनास्थल पर कवरेज को पहुंचे मीडिया के लोगों से भी मुखातिब हुए। जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि – ‘एसएसकेएम अस्पताल में बीते शुक्रवार को रैली निकालने के दौरान पुलिस की ओर से किए गए गालीगलौज और लाठीचार्ज के बाद राज्य सरकार को 24 घंटे की मोहलत दी गई थी कि वह हमारी मांगें मान ले।
लेकिन वह समयसीमा बीत गई है और इस दौरान सरकार की ओर से कोई सकारात्मक जवाब आने की बजाय केवल धमकियां ही मिली हैं।
हमें बंगाल के मुख्रय पर्व दुर्गोत्सव का हवाला देते हुए काम पर लौटने का दबाव बनाया जा रहा है लेकिन हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि दुर्गोत्सव में शरीक होने लायक मनोदशा में नहीं है।
हम काम पर लौट रहे हैं लेकिन कुछ भी नहीं खाएंगे। अनशन की शुचिता बनाए रखने को हम धरनास्थल पर ही सीसीटीवी कैमरे लगवा रहे हैं ताकि सबकुछ रिकार्ड पर रहे।
पहले सीबीआई पर भरोसा हुआ था लेकिन अब हमें उन पर भी पूर्ण भरोसा नहीं रहा। उसके पीछे की ठोस वजह है कि सुप्रीम कोर्ट में जारी मामले की सुनवाई के दौरान उनकी ओर से रखा जा रहा पक्ष। सीबीआई की ओर से रखे जा रहे पक्ष से हम भ्रम की स्थिति में हैं कि उनकी जांच की दिशा और दशा कैसी है’।
बीती रात पुलिस के लाठीचार्ज से जूनियर डॉक्टरों का टूटा सब्र, दिया अल्टीमेटम
बता दें कि बीते शुक्रवार को रेसकोर्स और विक्टोरिया मेमोरियल के दक्षिणी क्षोर पर स्थिति सेठ सुखलाल करनानी मेमोरियल पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कॉलेज (एसएसकेएम) में जूनियर डॉक्टर्स एक रैली निकाल रहे थे।
तभी वहां पुलिस ने डॉक्टरों पर लाठीचार्ज किया जिससे डॉक्टर भड़क गए और बीते शुक्रवार की रात करीब साढ़े 8 बजे ही उन्होंने पूरी तरह से काम रोकने की हड़ताल वापस लेने का फैसला लिया।
साथ ही जूनियर डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ ममता बनर्जी सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया कि या तो सरकार उनकी मांगें मान ले या फिर वह आमरण अनशन शुरू कर देंगे।
डॉक्टरों ने धर्मतल्ला में अपने धरनास्थल पर एक बड़ी सी घड़ी भी लगाई है ताकि समय की पाबंदी पर ध्यान रखा जा सके। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि शुक्रवार को पुलिस द्वारा किए लाठीचार्ज और गालीगलौज के लिए पुलिस और सरकार उनसे माफी मांगें।
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने सरकार से जो मांगे की हैं, उनमें राज्य के स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को तत्काल पद से हटाने, स्वास्थ्य विभाग में कथित प्रशासनिक अक्षमता और भ्रष्टाचार को लेकर जवाबदेही, राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के लिए एक केंद्रीयकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना, ऑन कॉल रूम और वॉशरूम के लिए जरूरी प्रावधान सुनिश्चित करने के लिए टास्क फोर्स गठित करने आदि शामिल हैं।