Breaking : कोलकाता निर्भया कांड में लगातार दूसरे दिन पूर्व प्रिंसिपल संदीप से सीबीआई की पूछताछ जारी, संदीप बोले- मैं गिरफ्तार नहीं हुआ

कोलकाता निर्भया कांड आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष

डिजीटल डेस्क : Breakingकोलकाता निर्भया कांड में लगातार दूसरे दिन पूर्व प्रिंसिपल संदीप से सीबीआई की पूछताछ जारी, संदीप बोले- मैं गिरफ्तार नहीं हुआ। बीते 8 अगस्त को आरजी मेडिकल कॉलेज की छात्रा के रेप और मर्डर के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट से मिले आदेश के बाद जांच में जुटी सीबीआई ने लगातार दूसरे दिन शनिवार को भी पूर्व प्रिंसिपल प्रोफेसर डॉ. संदीप घोष से पूछताछ जारी रखी है।

बीते शुक्रवार की देर रात सीबीआई ने पूछताछ के बाद उन्हें घर जाने दिया था और शनिवार सुबह ही सीबीआई के बुलाए जाने पर वह फिर से सीओजो कांप्लेक्स पहुंचे।

सीबीआई दफ्तर में दाखिल होने के क्रम में पहली बार मीडिया के सामने डॉ. संदीप घोष अनुनय के स्वर में बोले – ‘आप सभी से एक ही विनती है कि कृपया मेरी गिरफ्तारी की गलत खबर न प्रचारित करिए। मैं गिरफ्तार नहीं हुआ हूं बल्कि पूरे घटनाक्रम में अपनी ओर से सीबीआई को जांच में हरसंभव सहयोग प्रदान कर रहा हूं’।

पूर्व प्रिंसपिल के वकील की सफाई – सुरक्षा कारणों से डॉ. संदीप सीबीआई की गाड़ी में गए

बता दें कि बीते शुक्रवार को अपराह्न करीब 3 बजे के बाद सीबीआई ने उन्हें सड़क पर चलते हुए अपने कब्जे में लिया था और अपने साथ पूछताछ के लिए सीजीओ कांप्लेक्स स्थित सीबीआई दफ्तर लेकर गई और वहां देर रात तक पूछताछ की गई।

इस बारे में डॉ. संदीप घोष के अधिवक्ता ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि उनके मुवक्किल डॉ. संदीप को सीबीआई ने गिरफ्तार नहीं किया बल्कि खुद डॉ. संदीप अपनी सुरक्षा की मांग करने के लिए हाईकोर्ट पहुंचे हुए थे और वह खुद ही सीबीआई के बुलावे पर पूछताछ के लिए हाजिर होने को राजी थे लेकिन उनकी चिंता पूरे माहौल में अपनी सुरक्षा को लेकर थी।

उसी क्रम में सीबीआई अधिकारी उनसे मिले और डॉ. संदीप को अपनी गाड़ी में बैठाकर सीजीओ कांप्लेक्स लेकर गए।

प्रदर्शनकारी छात्रों ने सीबीआई को बताया था- सियासी तौर पर काफी प्रभावशाली हैं डॉ. संदीप

बता दें कि मेडिकल छात्रा के साथ हुई घटना के बाद ही आरजी कर मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने डॉ. संदीप को प्रिंसिपल पद से हटाने की मांग की थी क्योंकि अभी भी उनका कहना है कि सियासी तौर पर डॉ. संदीप घोष काफी प्रभावशाली हैं और वे किसी भी स्तर पर जाकर जांच को किसी भी हद तक प्रभावित कर लीपापोती कर सकते हैं।

उसके बाद ही जांच का जिम्मा मिलते ही सीबीआई ने डॉ. संदीप पर भी अपनी जांच का बिंदु केंद्रित किया। बताया जा रहा है कि सीबीआई टीम ने शुरू से ही इस मामले में निशाने पर चल रहे डॉ. संदीप घोष का सही लोकेशन नहीं मिल रहा था और लगातार उनके करीब पहुंचकर भी सीबीआई के लोग हाथ मलते रह जा रहे थे लेकिन इस बार उन्हें धर दबोचने में कोई गलती नहीं हुई।

सीबीआई टीम डॉ. संदीप घोष को अपने साथ सीजीओ कांप्लेक्स स्थित सीबीआई के दफ्तर ले गई जहां शुक्रवार काफी देर रात तक पूछताछ हुई। सीबीआई ने सवाल किया कि घटना के बाद प्रिंसिपल रहते हुए डॉ. संदीप घोष ने पुलिस के पास अपनी ओर से शिकायत क्यों नहीं दर्ज कराई और क्यों ना उनके इस व्यवहार को पूरे मामले में उनकी ओर से की जाने वाली लीपापोती क्यों ना मानी जाए?

लगभग यही सवाल एक दिन पहले मामले की सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट की खंडपीठ ने भी किया था।

कोलकाता निर्भया कांड को लेकर बांग्लादेश की राजधानी ढाका में विद्यार्थियों का प्रदर्शन
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RG Kar Medical College & Hospital के 200 स्टाफ का ट्रांसफर

कोलकाता में मेडिकल छात्रा से रेप और उसकी हत्या को लेकर पूरे देश में रोष व्याप्त है। शनिवार को देशभर के सरकारी और निजी अस्पतालों में हड़ताल है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की अपील पर सभी ओपीडी बंद हैं और इस बीच कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में बड़े पैमाने पर फेरबदल देखने को मिला है।

कोलकाता में मेडिकल छात्रा के साथ हुई घटना के बाद से चर्चा के केंद्र में बने RG Kar Medical College & Hospital के 200 स्टाफ का ट्रांसफर कर दिया गया है। अस्पताल के 10 डॉक्टरों और 190 नर्सिंग स्टाफ का ट्रांसफर किया गया।

बीते 14 और 15 अगस्त की रात को उत्पाती भीड़ के तांडव के बाद से नर्सिंग स्टाफ भी स्ट्राइक पर चले गए थे और प्रिंसिपल के खिलाफ उन्होंने माहौल बनाया था। ताजा सूचना मिलने तक 32 डॉक्टर दूसरे अस्पताल से आरजी कर अस्पताल बुलाए गए हैं।  ये सभी डॉक्टर कोलकता से बाहर के हैं।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने कोलकाता कांड में किया खामियों का खुलासा

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में मेडिकल छात्रा से दुष्कर्म और हत्या के मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उसका कहना है कि जिस जगह डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की गई, वहां पर अचानक मरम्मत का काम किया गया है।

आशंका जताई है कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के लिए वहां मरम्मत कार्य किया गया। साथ ही एनसीडब्ल्यू ने कहा कि पुलिस को तुरंत अपराध स्थल को सील कर देना चाहिए था। एनसीडब्ल्यू ने बयान जारी कर कहा, ‘राष्ट्रीय महिला आयोग ने कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर के कथित दुष्कर्म और हत्या से जुड़ी मीडिया में आई उस दुखद घटना का स्वत: संज्ञान लिया है।

आयोग स्थिति की गंभीरता से चिंतित है और उसने तुरंत मामले की जांच शुरू कर दी है।’ एनसीडब्ल्यू की जांच समिति सदस्य डेलिना खोंगडुप और पश्चिम बंगाल राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की वकील सोमा चौधरी ने गत 12 अगस्त को कोलकाता में घटनास्थल पर जाकर प्रकरण पर ब्योरा जुटाया।

पता चला कि घटना के दौरान वहां कोई सुरक्षा गार्ड मौजूद नहीं था, जिससे रात्रि पाली के दौरान ड्यूटी पर आए चिकित्सक, इंटर्न और नर्सों को पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी गई।अस्पताल में महिला चिकित्सा कर्मचारियों के लिए बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव था। इसमें खराब रखरखाव वाले शौचालय, रोशनी की अपर्याप्त व्यवस्था और सुरक्षा उपायों का भी पूर्ण अभाव था।

डॉक्टर्स की सुरक्षा पर कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने बुलाई बैठक

कोलकाता की घटना के बाद देश के अस्पतालों में डॉक्टर्स और मेडिकल क्षेत्र ले जुड़े लोगों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाने शुरू हो गए हैं।

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा है, ‘अस्पतालों में काम करने वाले लोगों, खासकर महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा यह एक गंभीर मुद्दा है। उनके लिए सुरक्षित माहौल होना चाहिए और मैंने मंगलवार को इस बारे में सभी एसोसिएशनों, डॉक्टरों, नर्सों की एक बैठक भी बुलाई है।

हम इस बात पर चर्चा करेंगे कि मौजूदा कानून में क्या है, हम क्या कर सकते हैं और प्रोटोकॉल क्या हैं? डॉक्टर विरोध कर सकते हैं लेकिन लोगों को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए और सभी इस पर सहमत हैं।’

आरजी कर मेडिकल कॉलेज की छात्रा की मौत के खिलाफ प्रदर्शन
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डॉक्टरों की मांग- आरजी कर अस्पताल में केंद्रीय सुरक्षा बल की तैनाती हो

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या के मामले में एक डॉक्टर ने देश के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है। पत्र सिकंदराबाद के आर्मी कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज की बीडीएस डॉक्टर मोनिका सिंह लिखा है।

डॉक्टर की तरफ से पत्र याचिका दायर करने वाले वकील सत्यम सिंह ने बताया कि ‘डॉ. मोनिका ने मुख्य न्यायाधीश को भेजी पत्र याचिका में मांग की है कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती की जाए ताकि प्रदर्शकारी डॉक्टर्स और अपराध स्थल की सुरक्षा की जा सके।

पत्र में ये भी मांग की गई है कि यह तैनाती तब तक रहनी चाहिए, जब तक इस मामले पर सुनवाई चल रही हो। पत्र में लिखा गया है कि जिस तरह से लोगों को धमकाया जा रहा है और सबूतों से छेड़छाड़ हो रही है, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में दखल देना चाहिए और स्वतः संज्ञान लेना चाहिए।’

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