पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के बीच सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने आज यानी 25 अक्टूबर को दो चुनावी जनसभा को संबोधित किया। सीएम नीतीश 21 अक्टूबर से ही चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे हैं। कल यानी 24 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार के समस्तीपुर की रैली में भी नीतीश कुमार ने शिरकत की थी। वहीं आज पहली सभा बक्सर के डूमरांव और दूसरी रैली पटना के फुलवारीशरीफ में किया। इसके बाद सीएम नीतीश ने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट किया है।

मुस्लिम समुदाय के लोगों को सिर्फ वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया – नीतीश कुमार
नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि वर्ष 2005 से पहले राज्य में मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए कोई काम नहीं होता था। उससे पहले बिहार में जिन लोगों की सरकार थी उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों को सिर्फ वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में आए दिन सांप्रदायिक झगड़े होते रहते थे। 24 नवंबर 2005 को जब हमलोगों की सरकार बनी तब से मुस्लिम समुदाय के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। आप सभी जानते हैं कि वर्ष 2025-26 में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के बजट में 306 गुणा की वृद्धि करते हुए 1080.47 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान किया गया है। अबतक आठ हजार से अधिक कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गई है। मुस्लिम समाज के परामर्श से 1273 और कब्रिस्तानों को घेराबंदी के लिए चिन्हित किया गया जिसमें 746 कब्रिस्तानों की घेराबंदी पूर्ण हो गई है और शेष का काम शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा।
CM नीतीश ने कहा- पहले कितना हिंदू-मुस्लिम झगड़ा होता था, अब आज कोई झगड़ा नहीं होता है
सीएम नीतीश ने कहा कि पहले कितना हिंदू-मुस्लिम झगड़ा होता था, अब आज कोई झगड़ा नहीं होता है। वर्ष 2006 से मदरसों का निबंधन किया गया और उन्हें सरकारी मान्यता दी गई। मदरसा के शिक्षकों को सरकारी शिक्षकों के बराबर वेतन दिया जा रहा है। इसके अलावा मुस्लिम परित्यक्ता/तलाकशुदा महिलाओं को रोजगार देने के लिए वर्ष 2007 से 10 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाने लगी जिसे अब बढ़ाकर 25 हजार रुपए कर दिया गया है। मुस्लिम समुदाय के लिए तालीमी मरकज और हुनर जैसी उपयोगी योजनाएं चलाई गईं। मुस्लिम वर्ग के छात्र-छात्राओं एवं युवाओं के लिए छात्रवृत्ति, मुफ्त कोचिंग, छात्रावास और अनुदान आदि योजनाएं चलाई जा रही हैं।
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